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विधायक तिलक राज बेहड़ के नेतृत्व कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे बाजपुर भूमि बचाओ आंदोलनकारी,डीएम को राखी बांधकर बेहड़ ने किसानो की रक्षा के लिए किया निवेदन ,जिले वरिष्ठ कोंग्रेसी रहे मौजूद

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विधायक तिलक राज बेहड़ के नेतृत्व कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे बाजपुर भूमि बचाओ आंदोलनकारी,डीएम को राखी बांधकर बेहड़ ने किसानो की रक्षा के लिए किया निवेदन ,जिले वरिष्ठ कोंग्रेसी रहे मौजूद

रुद्रपुर।आज समस्त बाजपुर के किसानो ने पूर्व मिनिस्टर और मौजूदा किच्छा विधयक तिलक राज बेहड़ के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में किया बाजपुर भूमि बचाओं को लेकर धरना प्रदर्शन और साथ ही डीएम से मुलाकात कर उन्हें राखी बांधकर किसानो की रक्षा करने का निवेदन किया ,बता दे ऊधम सिंह नगर के बाजपुर में पूर्व जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर द्वारा वहां के 20 गाँवों के निवासियों को उनकी भूमि अवैध घोषित करके भूमि खाली करने के आदेश दिए है । डीएम से मिलकर ज्ञापन भी सौपा उन्होंने कहा की जिन निवासियों को भूमि खाली करने के आदेश दिए है ये सभी उत्तराखण्ड के मूल निवासी हैं तथा इनमें से अधिकांश परिवार कई दशकों से यहाँ निवास कर रहे है। ऐसे में अकस्मात इनकों अपने आशियाने खाली करने का आदेश दे दिया गया है जो की न्यायसंगत नहीं है कई ऐसे परिवार भी है जिनकी कई पीड़ियाँ यहाँ पर निवास कर रही है । इन सबने कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद अपने घर बनाये है ।

बाजपुर के इन 20 गाँवों के द्वारा पिछले कुछ समय से भूमि बचाओ आन्दोलन के नाम से एक आन्दोलन चलाया जा रहा है जिसमे आस-पास के किसान तथा समाजसेवी भी अपना समर्थन भारी संख्या में दे रहे है और सभी मालिकाना हक़ दिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे है | बाजपुर के 20 गाँवों के साथ ही पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है, जिससे सरकार की भी बड़ी बदनामी हो रही है। और सभी सरकार के इस फैसले को हिटलरशाही फैसला मान रहे है ।

उन्होंने जिलाधिकारी से बातचीत के दौरान कहा की पूर्व में भी मेरे द्वारा आपको इस विषय में अवगत कराया गया था तथा इन 20 गाँवों के निवासियों के निमंत्रण पर मैंने भी वहां जाकर अपना समर्थन दिया है तथा मैं इस तरह किसी को रातों-रात अपना घर खाली करने के आदेशों के खिलाफ आपको विनम्रता के साथ कहना चाहता हूँ की सरकारों का काम लोगों को बसाने का होता है न की उजाड़ने का |

उनोहने कहा की समस्त 20 गाँवों के निवासियों की तरफ से मेरा आग्रह है की बड़ी ही गंभीरता के साथ उपरोक्त सरकार के लिए निर्णय को जनहित में वापिस लिए जाने तथा इन उजाड़े जा रहे 20 गाँवों के निवासियों को मालिकाना हक दिए जाने हेतु सम्बंधित को आदेशित करने का कष्ट करें


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