केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने खानपुर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ सीएस को दिए जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

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वसुन्धरा दीप डेस्क, देहरादून। हरिद्वार जिले की खानपुर सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के उमेश पर अवैध रूप से विदेशी मुद्रा रखने के आरोपों का पीएमओ और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर विधायक उमेश कुमार के विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं।
भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने दो दिसंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने विधायक उमेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ में प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी थी। यह भी कहा गया कि उक्त व्यक्ति के पास अवैध विदेशी मुद्रा भी पाई गई, लेकिन वर्तमान समय तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई।
उन्होंने विधायक को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए। पीएमओ को भेजे गए साक्ष्य में यह भी बताया गया कि उमेश कुमार पर 22 अक्टूबर, 2018 में राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने उनके आवास और कार्यालय में छापेमारी कर कई संपत्तियों के कागजात के साथ ही अमेरिकन डालर और थाई करेंसी बरामद की थी।
देहरादून की तत्कालीन एसएसपी की ओर से इस मामले में रिपोर्ट अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था को भेजी गई थी। तत्कालीन प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से भी आयकर विभाग और ईडी को कार्यवाही के संबंध में पत्र लिखा गया था। कुंवर प्रणव के पत्र को पीएमओ ने गंभीरता से लिया। पीएमओ ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को इस संबंध में कार्यवाही के लिए कहा गया। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अनुसचिव ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। संपर्क करने पर मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने कहा कि इस प्रकरण को दिखवाया जा रहा है।

उत्तराखंड राज्य के प्रमुख सचिव द्वारा पूर्व में उमेश कुमार के खिलाफ भारत सरकार से शिकायत प्रेषित की गई थी, उसी संबंध में हमने केंद्र सरकार को शायद अक्टूबर 2022 में पत्र लिखा था। अब उस पर जांच की कार्रवाई हो रही है।
-कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन, पूर्व विधायक खानपुर

चार हजार डालर विदेशी मुद्रा से संबंधित यह मामला वर्ष 2018 का है। शिकायत के आधार पर उस समय इसकी फेमा के तहत जांच हुई थी। ईडी ने भी जांच की थी। फेमा ने इसके लिए मुझे 21 दिसंबर, 2018 को नोटिस भेजा था। मैंने अपने वित्तीय सलाहकार और अधिवक्ता के माध्यम से और खुद सभी तथ्यों की बिंदुवार जानकारी दे दी थी। फेमा और ईडी की जांच के बाद शिकायत और दोबारा जांच का कोई औचित्य नहीं।
-उमेश कुमार, विधायक खानपुर


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