उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चार धाम यात्रा की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाए

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उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चार धाम यात्रा की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाए

कहा सरकार की उदासीनता के चलते यात्री और स्थानिय लोग परेशान

देहरादून उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने चार धाम यात्रा के दौरान यात्रियों को सुविधाएं ने देने का आरोप लगाते हुए धामी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है उनका कहना है की धामी सरकार यात्रियों को सुविधाये देने की बजाय यातना दे रहे है
प्रेस को जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा की चार धाम यात्रा 3 दिनों के दौरान ही यात्रा व्यवस्था धराशाई हो गयी है उनका कहना है की यात्रा के शुरुआती शहरों हरिद्वार-ऋषिकेश से लेकर चारों धामों तक हर तरफ फैली अव्यवस्था से सिद्ध हो गया है कि, राज्य सरकार ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चार धाम यात्रा को संवेदनशीलता के साथ नहीं लिया है।
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि, सरकार का ध्यान यात्रियों की संख्या पर है उनकी सुव्यवस्था पर नहीं है
उन्होंने कहा कि , चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित हैं वहाँ इंवेंट मैनेजमैंट नहीं बल्कि सुगम और सुरक्षित यात्रा चलाने की आवश्यकता है। यशपाल आर्य ने कहा कि, सरकार यह दावा तो कर रही है कि, रिकार्ड तोड़ यात्री धामों में आ रहे हैं पर आज यह बताने की स्थिति में नहीं है कि, हर धाम में प्रतिदिन कितने यात्रियों के रहने की व्यवस्था है ? उन्होंने कहा कि , यह चिंतनीय प्रश्न है कि केदारनाथ जैसे 12000 फिट की ऊंचाई पर अधिक क्षमता से अधिक संख्या में पंहुचने पर यात्रियों को हाड़ कंपाती ठंड में खुले में रात बितानी पड़ रही है, हर दिन धामों में यात्रियों की मृृत्यु हो रही है
उन्होंने कहा चार धाम यात्रा की अव्यवस्था और कमियों की खबरें हर दिन मीडिया और सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही हैं जिससे उत्तराखण्ड की छवि दुनिया भर में खराब हो रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, ‘‘आल वेदर रोड’’ के नाम से प्रचारित चार धाम की सड़के अभी भी पूरी तरह नहीं बनी हैं
सड़कों की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण हर जगह जाम की स्थिति बन रही है आर्य का कहना है की जो दूरी आम समय में 2 घंटे में तय की जाती थी उसे पूरा करने में यात्रियों को 8-8 घंटे लग रहे हैं, इससे न केवल दुनिया भर से यात्रा और पर्यटन हेतु आ रहे यात्रियों का समय खराब हो ही रहा है बल्कि स्थानीय निवासियों का भी जीवन नरक बन गया है
उन्होंने कहा सड़क ही नहीं यात्रा मार्गों पर सफाई और शौचालयों की व्यवस्था भी खराब है
यात्रा मार्ग पर सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं और गंदगी उत्तराखण्ड की पवित्र नदियों में बहाई जा रही है
उनका कहना है की यही हाल यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य और पेयजल व्यवस्था का भी है। उन्होंने प्रश्न किया कि , आम समय में स्थानीय निवासियों के लिए केवल रेफरल सैंटर का काम कर रहे पहाड़ों के अस्पताल कैसे जनसंख्या से कई गुना आ रहे यात्रियों को देख पा रहे होंगे यह कोई भी समझ सकता है ?
यशपाल आर्य ने कहा कि, केदारनाथ और बदरीनाथ में सरकार द्वारा किए जा रहे अनियंत्रित निर्माण कार्यों का विरोध हो रहा है। केदारनाथ और बदरीनाथ में स्थानीय निवासियों और महिलाओं के यात्रा केे पहले ही दिन के विरोध प्रर्दशन ने सिद्व कर दिया है कि,सरकार न केवल यात्रा चलाने में असफल साबित हुई है बल्कि वह स्थानीय निवासियों के हकों , रोजगार और सम्पत्ति को भी छीन रही है आर्य ने कहा बदरीनाथ में जिला प्रशासन ने स्थानीय निवासियों की प्रसाद की सारी दुकानों को हटा दिया है जिसके चलते वहां सदियों से तुलसी माला बेचने वाली सैकड़ों स्थानीय महिलाऐं बेरोजगार हो गयी हैं। केदारनाथ में घोड़े-खच्चर वाले और स्थानीय दुकानदार अभी भी परेशान है


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