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जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न, विभागों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश

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रुद्रपुर। केन्द्रीय सेक्टर योजना-कृषि अवसंरचना निधि के अन्तर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में 12 अप्रैल, 2022 को देर सांय सम्पन्न हुई।
मुख्य विकास अधिकारी ने योजना के अन्तर्गत अपलोड किये गये सभी परियोजाओं के गहनता से समीक्षा की। जिसमे कुछ प्रोजेक्ट्स में वांछित जानकारी के अभाव के कारण बैंको द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बन्धित बैंक व विभागों को कड़े निर्देश दिये की प्रोजेक्ट्स से जुड़े त्रुटियों को यथाशीघ्र दूर करते हुये आवेदनों को स्वीकृत किया जाये। उन्होने योजनान्तर्गत प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रगति पर खेद प्रकट करते हुये सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिये कि लोगों को जागरूक करते हुये लक्ष्य को सतप्रतिशत पूर्ण करें। उन्होने सम्बन्धित रेखीय विभागों को निर्देश दिये कि उनसे जुड़े कृषको, एग्रीप्रेनयोर, समितियॉ एवं स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद को आवंटित लक्ष्य के अनुसार अभी से कार्य योजना बनाकर कार्य करें। उन्होने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि योजना के प्रति कृषकों को जागरूक करें ताकि अधिक से अधिक कृषकों को योजना का लाभ मिल सकें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित विभागों के अधिकारी बेहतर तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें।
जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि यह योजना आत्म निर्भर भारत के अन्तर्गत ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी के माध्यम से सामुदायिक कृषि सम्पत्ति के निर्माण और कटाई के बाद प्रबन्धन सम्बन्धी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये वित्तीय सुविधा के साथ भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया है। उन्होने बताया कि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों द्वारा रू0- 63.43 करोड़ ऋण राशि के कुल 54 प्रोजेक्ट वेबसाइट पर अपलोड किये गये थे, जिसके सापेक्ष विभिन्न बैंको द्वारा 38.92 करोड़ के ऋण स्वीकृत किये गये तथा 2.03 करोड़ का ऋण वितरित किये गये। उन्होने बताया कि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 77.85 करोड़ का लक्ष्य आवंटित किया गया है जो कृषि, उद्यान, मत्स्य, सहकारिता व रेशम विभाग द्वारा पूर्ण किया जायेगा। उन्होने बताया कि योजना का संचालन ऑनलाइन किया जाता है, जिसमें इच्छुक लाभार्थी विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत बनाये गये प्रोजेक्ट को वेबसाइट पर अपलोड करते है। उन्होने बताया कि प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) की स्वीकृति के पश्चात बैंक शाखाओं की मंजूरी हेतु स्वतः स्थानान्तरित कर दिया जायेगा।
इस अवसर पर एलडीएम केडी नौटियाल, सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार छिमवाल, मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा सहित विभिन्न बैंको व सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।


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