पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा है कि राशनकार्डों की जांच स्थानीय अधिकारियांे से न कराकर किसी सक्षम जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए

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काशीपुर। पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा है कि राशनकार्डों की जांच स्थानीय अधिकारियांे से न कराकर किसी सक्षम जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। काशीपुर में राशन कार्ड में हेराफेरी बड़े पैमाने में हो रही है। इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं लेकिन उन्हें राशन कार्ड पीला मिला हुआ है। पूर्व विधायक ने कहा कि पिछले आठ साल के दौरान उत्तराखंड में छह लाख 46 हजार 337 राशन कार्ड फर्जी पाए गए इसका कारण ये है कि अपात्रों को पात्रों की श्रेणी में रखा गया है, जिसकी जांच होना अति आवश्यक है। क्योंकि ऐसा होने से केन्द्र की मोदी सरकार की गरीबों को लाभ देने वाली अन्न योजना का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच रहा, बल्कि साधन संपन्न लोग या फिर उनकी आड़ में अन्य अवसरवादी लोग इस योजना के मजे लूट रहे हैं। काशीपुर क्षेत्र में भी इस तरह की शिकायतें उन्हें लगातार मिल रही हैं। शिकायतों के मुताबिक, साधन सम्पन्न लोगों ने सफेद व गुलाबी राशनकार्ड बनवा रखे हैं, जिनकी जांच कराया जाना जरूरी है। पूर्व विधायक श्री चीमा ने कहा कि बेहतर हो कि देश व जनहित में राशनकार्डों की जांच आपूर्ति विभाग से न कराकर किसी अन्य विभाग अथवा सक्षम जांच एजेंसी से कराई जाए, ताकि निर्धन व अति निर्धन तबके के लोगों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके।


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