नहीं रहे हिंदुस्तान के पहले वोटर:106 वर्ष की उम्र में श्याम शरण नेगी का निधन, रात 2 बजे ली आखिरी सांस, PM ने जताया दुख
भारत के पहले वोटर रहे श्याम सरन नेगी अब इस दुनिया में नहीं रहे। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निवासी 106 वर्षीय वयोवृद्ध श्याम सरन नेगी ने शनिवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। आजादी के बाद भारत में 1951-52 में जब पहले आम चुनाव हुए थे तो श्याम सरन नेगी ने ही उसमें सबसे पहले मतदान किया था।
तबियत खराब होने पर घर से किया मतदान
जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन ने कहा कि हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नेगी ने पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालने की इच्छा जताई थी, लेकिन तबियत खराब होने के कारण उनके घर पर ही पोस्टल बैलट पेपर से मतदान करवाया गया। इस तरह वे दुनिया से जाने से पहले भी अपना फर्ज अदा करके गए।
पुलिस बैंड से दी जाएगी अंतिम विदाई
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पुलिस बैंड के साथ और पूरे राजकीय सम्मान के साथ नेगी की अंत्येष्टि होगी। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रशासन की पूरी टीम उनके घर श्रद्धांजलि देने जाएगी।
PM मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने श्याम सरन नेगी की सराहना की और उन्हें देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की एक अहम कड़ी बताया। उन्होंने लिखा कि नेगी का वोट डालने के प्रति उत्साह हमारे युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया ट्वीट।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया ट्वीट।
नेगी ने 1951 में डाला था पहला वोट
किन्नौर के श्याम सरन नेगी ने 1951 में हुए स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सबसे पहले वोट डाला था, इसलिए उन्हें देश का सबसे पुराना और सबसे पहला मतदाता माना जाता है। इसके बाद से आज नेगी हर चुनाव में बूथ पर जाकर अपना वोट डालते आए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन ने कहा कि नेगी न केवल प्रदेश, बल्कि देश के लीजेंड हैं। 1951 से लेकर आज तक वह लगातार वोट डालते आए हैं। यह खुशी की बात है कि इस विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपना वोट डालकर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी।
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी।
पहला मतदाता बनने की कहानी बड़ी रोचक
श्याम शरण नेगी का जन्म 1917 को किन्नौर जिला के कल्पा गांव में हुआ। 104 साल के श्याम शरण अपने पुश्तैनी गांव में रहते हैं। 1940 से 1946 तक वन विभाग में गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने। देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ। लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते 6 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए।
पहले चुनाव के समय श्याम शरण किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे। चुनाव करवाने में उनकी ड्यूटी लगी थी, लेकिन वोट डालने का इतना शौक था और ड्यूटी शोंगठोंग के मुरंग में थी और वोट कल्पा में डालना था तो उन्होंने सुबह-सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। सुबह-सुबह ही वह अपने मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान पार्टी पहुंची।
नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोल कर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और श्याम शरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर दुख जताया।
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर दुख जताया।