कौन ग्राम क्या नाम देवता, कहां से आप पधारें हैं, जाहिर में तो हो तपस्वी, फिर शस्त्र क्यों धारें हैं….

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कौन ग्राम क्या नाम देवता, कहां से आप पधारें हैं, जाहिर में तो हो तपस्वी, फिर शस्त्र क्यों धारें हैं….

रूद्रपुर- रूद्रपुर की प्राचीन मुख्य रामलीला मंे विगत रात्रि में सीता जी की खोज में राम का व्याकुल होना, राम-जटायु संवाद, प्रभु राम व उनके अनादि भक्त हनुमान का महामिलन, हनुमान का राम-लक्ष्मण को अपनें कंधों पर बैठाकर श्रष्यमूक पर्वत ले जाना, राम सुग्रीव मित्रता, सुग्रीव-बाली युद्ध, बाली वध, अंगद विलाप तक की लीला का का मंचन हुआ।

विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि समाजसेवी कश्मीर सिंह विर्क एवं विशिष्ट अतिथि व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, महामंत्री मनोज छाबड़ा एवं कोषाध्यक्ष संदीप राव नें दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

आज गणेश वंदना, राम वंदना एवं हनुमान जी की आरती व हनुमान चालीसा के बाद प्रारम्भ हुयी रामलीला में आज राम अपनी कुटिया में सीता को न पाकर आतुर हो कर व्याकुल हो जाते है। सीताजी को खोजनें के दौरान उनकी मुलाकात घायल पक्षीराज जटायु से होती है। जटायु राम को बताते हैं कि लंकापति रावण सीता जी का हरण कर ले गया है। राम दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ जाते है। रास्तें में उनकी मुलाकात माता शबरी से होती है। शबरी से आज्ञा लेकर जब वह श्रश्यमूक पर्वत के समीप पहुंचते है, तो धनुषधारी राम-लक्ष्मण को आता देख सुग्रीव घबरा जाते है। वह अपने सेनापति हनुमान को राम-लक्ष्मण का भेद जाननें के लिये भेजते है। बुद्धिवान हनुमान राम-लक्ष्मण से अनेंकों सवाल कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि वह वास्तव में हैं कौन? जैसे ही हनुमान को यह पता लगता है कि यह दोनों राजकुमार तो उनके अनादि देव राम-लक्ष्मण हैं, हनुमान उनके चरणों में गिर जाते है। हनुमान शिकायत करतें है कि वह तो अज्ञानी वानर ठहरे, प्रभु को पहचाननें बिलम्ब कर बैठे, पर आप तो सर्वज्ञ थे, आपनें अपने अनादि भक्त हनुमान को पहचाननें में ईतनी देर क्यों कर दी प्रभु? प्रभु राम अपने भक्त को अपने सीनें से लगा लेतें है तो हनुमान की आंखों से प्रेम की अश्रुधारा बह निकलती है। प्रभु और भक्त का महामिलन हो जाता है। वह भक्ति में तल्लीन हो मगन हो जाते हैं, अपनी सुधबुध खोकर झूमनें लगते है। राम-हनुमान के इस महामिलन से तो मानों सबके बिगड़े काम बन जाते है। हनुमान अपनें कंधों पर बैठाकर राम-लक्ष्मण को श्रश्यमूक पर्वत पर ले जाते है। राम-सुग्रीव की मित्रता हो जाती है।

राम के कहने पर सुग्रीव बाली को ललकारता है। राम जब तीर चलाने को धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते है तो दोनो की एक जैसी शक्ल देखकर हैरान हो जाते है। बाली सुग्रीव की खासी मरम्मत करता है। सुग्रीव जैसे-तैसे भागकर वापस पहुंचता है। राम इस बार उसके गले में माला पहनाकर दुबारा बाली को ललकारनें भेजते है और इस बार बाली का वध कर देते है। सुग्रीव को किश्किन्धा का राजा घोषित कर दिया जाता है। वर्शा ऋतु बीतनें के बाद राम व सुग्रीव वानर दलों को चारो दिशाओं में भेजते है। दक्षिण की तरफ हनुमान व अंगद सहित वानर दल को रवाना करने के साथ ही आज की लीला को विराम दे दिया जाता है।

 

आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, हनुमान की भूमिका में सुशील गाबा लक्ष्मण की भूमिका में राजकुमार कक्कड़़, गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर, जटायु की भूमिका में गोला ईदरीस, शबरी की भूमिका में हरीश सुखीजा, सुग्रीव की भूमिका में विशाल अनेजा, बाली की भूमिका में वैभव भुड्डी, अंगद की भूमिका में आशमन अरोरा, नल- आयुष अरोरा, सेनापति की भूमिका में आयुष्मान सुशील गाबा, जोकर पार्टी राम कृष्ण कन्नौजिया, गोगी नरूला, कुक्कू शर्मा नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव संदीप धीर व विजय जग्गा नें किया।

इस दौरान श्रीमति बीना बेहड़, पूर्वा बेहड़, श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर, कोऑर्डिनेटर नरेश शर्मा, सुभाष खंडेलवाल, बिट्टू ग्रोवर, केवल विजय विरमानी, मनोज गाबा, अमित चावला, आशीष मिड्ढा, महावीर आजाद, राकेश सुखीजा, कर्मचन्द राजदेव, हरीश अरोरा, विजय जग्गा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीष सुखीजा, मनोज मंुजाल, विषाल भुड्डी, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू षर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, पवन गाबा पल्ली, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाश तनेजा, चिराग तनेजा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा,गौरव जग्गा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, सन्नी आहूजा, अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, नीतिश धीर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, आदि उपस्थित थे।

बाक्स 001- श्रीराम लीला में आज होगा लंका दहन
श्रीराम लीला में आज समुन्द्र तट पर हनुमान-संपाती संवाद, जामवन्त एवं वानर दल द्वारा द्वारा हनुमान जी को उनकी षक्तियां स्मरण कराना, हनुमान का लंका पहुंचना, रावण-सीता संवाद, हनुमान सीता संवाद, हनुमान द्वारा अषोक वाटिका को उजाड़ना, अक्षय कुमार वध, हनुमान- मेघनाद संवाद, मेघनाद द्वारा ब्रहमास्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी को बंदी बनाना, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन, हनुमान की राम कैंप में वापसी आदि दृष्य प्रमुख रूप से दिखाये जायेंगंे।

बाक्स 002- राम-हनुमान महामिलन में रामभक्त सुषील की अविरल अश्रुधारा दषको रखी जायेगी स्मरण
विगत रात्रि श्री रामलीला मंचन में राम का किरदार निभा रहे मनोज अरोरा एवं हनुमान का किरदार निभा रहे रामभक्त सुषील गाबा ने प्रभु राम व उनके अनादि भक्त हनुमान के महामिलन के जीवंत व सजीव दृष्य में दर्षकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी। राम-हनुमान महामिलन में दोनों के ऐतहासिक संवादों के बाद हुये मिलन के दृष्य नें लोगों को देर तक भावविभोर करे रखा। रामभक्त सुषील गाबा तो हनुमान के किरदार में ईतना खो गये कि उनकी अश्रुधारा अविरल देर तक बहती रही। मानें उन्हें अपनी ही सुधबुध न रही। उनके भक्तिभाव से ओतप्रोत अभिनय की मिसाल को दषकों याद रखा जायेगा।


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