*ओरिसन स्कूल के परिवार के द्वारा धूमधाम से मनाया गया गणेश चतुर्थी का त्यौहार*
काशीपुर कुंडेश्वरी स्थित ओरिसन स्कूल मे बुद्धि और समृद्धि के दाता माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश का जन्मदिन गणपति महोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर सभी के द्वारा संकटों एवं मुश्किलों को हरने वाले बच्चों के प्यारे दोस्त गणेश जी को याद किया गया | इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिता जैसे की डांस इको फ्रेंडली गणेशा कंपटीशन आदि रखा गया जिसमें बच्चों ने क्ले सॉइल से गणेश जी की मूर्तियां बनाकर सबका मन मोह लिया| और स्कूल की प्रबंधिका श्रीमती उमा वात्सल्य ने संबोधित करते हुए कहा कि गणेश जी की आराधना करने से बुद्धि ,समृद्धि एवं असीम आनंद की प्राप्ति होती है |
विद्यार्थियों को भगवान गणेश के बारे में जानकारी दी गई |
विद्यार्थियों को बताया गया कि संसार में प्रथम पूजा किस देवता की हो इसके लिये श्री गणेश एवं उनके भाई कार्तिकेय में देवताओं द्वारा विश्व-दौड़ जीतने की प्रतियोगिता रखी गयी। कार्तिकेय के पास द्रुत गति से चलने वाली सवारी मयूर थी। जबकि गणेश जी के पास उनकी सवारी मूसक (चूहा) था। बुद्धि एवम् ज्ञान के अक्षय भण्डार श्री गणेश ने संसार की परिक्रमा लगाए जाने के स्थान पर अपने माता-पिता भगवान शंकर एवम् पार्वती की परिक्रमा लगाकर इस प्रतियोगिता में अपने भाई कार्तिकेय को बहुत पीछे छोड़ दिया था। यही कारण है कि किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा एवम् आराधना की जाती है, जिससे कार्य निर्विध्न पूर्ण होता है।
और अंत में स्कूल के प्रधानाचार्य श्री जगतार सिंह पन्नू ने संबोधित करते हुए कहा कि भगवान गणेश हमें हमेशा सबका सम्मान करना और सबके प्रति विनम्र रहना सिखाते हैं. भगवान गणेश हमेशा हमें सिखाते हैं कि कोई भी असमान नहीं है और सभी के साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए जैसा आप चाहते हैं कि वे आपके साथ करें. हम सभी जानते हैं कि गणेश जी का वाहन चूहा है. इससे हमें नम्रता और छोटे से छोटे जीव का भी सम्मान करने की सिख मिलती है.