टीएमयू में ध्वजारोहण से दशलक्षण महापर्व का शंखनाद

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टीएमयू में ध्वजारोहण से दशलक्षण महापर्व का शंखनाद

पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव का जिनालय पर ध्वजारोहण के संग शंखनाद हुआ। उत्तम क्षमा दिवस पर ध्वजारोहण के दौरान विधि-विधान की प्रक्रिया प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन शास्त्री के सानिध्य में हुई। उन्होंने समुच्चय पूजन, सोलह कारण, पंच मेरु पूजन, दशलक्षण पूजन कराया। सुबह सात बजे श्री 1008 आदिनाथ भगवान को पालकी में विराजमान करने का सौभाग्य सौधर्म इंद्र के रुप में प्रो. एसके जैन को प्राप्त हुआ। दिव्यघोष के बीच श्रीजी को मंदिर से रिद्धि-सिद्धि भवन तक लाया गया, जिसमें श्रावक-श्राविकाएं नृत्य आदि में मंत्र-मुग्ध हो गए। श्रीजी का समोवशरण रिद्धि-सिद्धि भवन में किया गया। पालकी को उठाने का सौभाग्य प्रथम इंद्र- कलश जैन, द्वितीय इंद्र- प्रिंस जैन, तृतीय इंद्र- सम्यक जैन को मिला। ध्वजारोहण से पालकी यात्रा के दौरान कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, श्रीमती ऋचा जैन, श्रीमती जहान्वी जैन के संग-संग समस्त टीएमयू जैन परिवार की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। दिव्यघोष के दौरान श्रावक केसरिया धोती-दुपट्टा पहने थे, जबकि श्राविकाएं केसरिया और सफेद कुर्ता- सफेद सलवार, नारंगी चुनरी के संग पहनी थी, जबकि कुलाधिपति, जीवीसी और ईडी ऑफ पिंक परिधान धारण किए हुए थे। इनकी भव्यता देखते ही बनती थी। प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन शास्त्री ने श्रावक-श्राविकाओं का नियम दिलाया कि आज कोई भी क्रोध नहीं करेगा।

 

ईडी श्री अक्षत जैन को प्रथम स्वर्ण शांतिधारा का सौभाग्य
प्रथम स्वर्ण शांतिधारा का सौभाग्य ईडी श्री अक्षत जैन को मिला। द्वितीय रजत शांतिधारा श्री ओमसागर जैन, श्री अमन जैन, श्री मुकुल जैन, श्री पीयूष जैन, श्री प्रणत जैन, श्री सौम्य जैन, श्री अतिशय जैन, श्री सम्यक जैन आदि को मिला। प्रथम स्वर्ण कलश से श्री आरजू जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से श्री संस्कार जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से प्रो. विपिन जैन, चतुर्थ स्वर्ण कलश से श्री सहज जैन को शांतिधारा करने का सौभाग्य मिला। श्री कलश जैन, श्री प्रिंस जैन, श्री सम्यक जैन को इन्द्र बनने का सौभाग्य मिला, जबकि कलश स्थापना का सौभाग्य प्रो. विपिन जैन, श्री आर्जव जैन, श्री संस्कार जैन, श्री सहज जैन को मिला। टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन और प्रो. विपिन जैन ने शांतिधारा करने वालों का सम्मान किया। अष्ट कुमारी- नव्या जैन, आशिका जैन, आकृति जैन, रंक्षिका जैन, मणि जैन, अन्वेषा जैन, माही जैन, पारुल जैन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर श्रीमती ऋचा जैन के अलावा ब्रहमचारिणी दीदी डॉ. कल्पना जैन भी मौजूद रहीं। तत्त्वर्थसूत्र के प्रथम अध्याय का वाचन सुरक्षा जैन ने किया।

सचिन जैन पार्टी के भजनों पर झूमा रिद्धि-सिद्धि भवन
भोपाल की सचिन जैन एंड पार्टी ने अपने सुर और साज से रिद्धि-सिद्धि भवन आस्थामय कर दिया। श्रावक और श्राविकाएं आ जा त्रिशला के लाल, जिन प्रभु आज मेरी कुटिया मे आयेंगे, हमारे बड़े बाबा, कुडलपुरी के बड़े बाबा, ओ सारे शहर मे हल्ला हो गया तीर्थंकर जो जन्मे, प्रभु की उतारो आरती, ओ पालनहरे सर्वगुणांे वाले तुमरे बिन कोई नही, समोशरण में जीवन पावन कर ले, मस्ती में पूजा कर ले, पर्थ की प्रतिमा प्यारी, हम तो चले आये प्रभु तेरे द्वारे चाहे तो माने ना माने आदि भजनों पर दोनों हाथ उठाकर जमकर झूमे। शिखर जी वाले बाबा तेरे दर पर, तु इतना प्यारा है, ओ तकदीर अयोध्या की मरुदेवी मैय्या को, मेरी तो पतंग उड़ गयी है, मेरा मन ये पुकारे आ जा, कितने दीप जले, अंग्रेजी मे कहते है टेंपल गोइंग टू, बड़े बड़े बाबा होवे सब मंगल, बड़े बाबा के चरणों मे कुंडल पुर जाना, मन जब कही ना लगे टी एम यू आना, जी कर रहा है आज तो, हो पारस चले तेरी डगरिया, सावरिया परसनाथ मेरे दर पे विराजो जी….सरीखे भक्तिमय गीतों से बड़े बाबा का भावपूर्ण स्मरण किया। पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव के प्रथम दिवस उत्तम क्षमा के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में श्री मनोज जैन, श्री विपिन जैन, प्रो. रवि जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. आशीष सिंघई आदि ने भी पुण्य कमाया।


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