स्टील प्लांट की भट्टी में विस्फाेट से 16 श्रमिक झुलसे; लोगों का आरोप- प्रशासन ने मामले को छिपाया
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुभव त्यागी ने बताया कि इस मामले मेें कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीओ मंगलौर बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही से हादसा हुआ है। साथ ही वहां पर किसी तरह के सुरक्षा मानक भी मौजूद नहीं थे। इस मामले की जांच मंगलौर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार को जांच सौंपी गई है।
मंगलौर: मंगलौर स्थित आयरन एंड स्टील प्लांट में लोहा पिघलाने वाली भट्टी में विस्फोट होने से 16 श्रमिक लावा की चपेट में आने से झुलस गये। देर रात हुए हादसे को फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस और प्रशासन से छिपाये रखा।
गुपचुप तरीके से घायलों को उप्र के मुजफ्फरनगर और मेरठ के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। सुबह उप्र पुलिस की सूचना मिलने मिलने के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंच मामले की जानकारी ली। फॉरेंसिक टीम ने भी मामले की जांच की।
मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के मुंडियाकी गांव के पास श्री एकन्या आयरन एंड स्टील प्लांट ( पुराना नाम गायत्री आयरन एंड स्टील प्लांट) है। बुधवार की रात को फैक्ट्री में मजदूर लोहा पिघलाने वाली भट्टी पर काम कर रहे थे। देर रात करीब 12 बजे अचानक ही प्लांट की भट्टी नंबर दो में विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना जबदरस्त था कि भट्टी में पिघलाया जा रहा लावा काम कर रहे श्रमिकों पर गिर गया।
हादसे में 16 श्रमिक लावा की चपेट में आने से झुलस गये। हादसा होते देख आसपास काम कर रहे मजदूरों ने शोर मचा दिया। शोर मचाने पर प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रबंधन ने हादसे की सूचना स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को नहीं दी। प्रबंधन ने पूरा मामला छिपाये रखा। गुपचुप तरीके से सभी घायलों को विनित मिनोचा अस्पताल मुजफ्फरनगर, शुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ में भर्ती कराया गया। जहां से चार श्रमिकों को उपचार के बाद छुट्टी दे गई। जबकि बाकी का उपचार चल रहा है।
नौ घायल मुजफ्फरनगर के अस्पताल में भर्ती है जबकि तीन मेरठ के अस्पताल में। उप्र के दोनों अस्पताल प्रबंधन ने गुरुवार की सुबह इसकी सूचना रुड़की पुलिस कंट्रोल रूम को दी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस को इसका पता चला। जिसके बाद आनफानन में मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुभव त्यागी, सीओ मंगलौर बहादुर सिंह चौहान, मंगलौर कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और हादसे की जानकारी ली।
जांच पड़ताल में पता चला कि फैक्ट्री के अंदर अग्निशमन उपकरण मौजूद नहीं थे। साथ ही पिछले चार माह से फैक्ट्री का सुरक्षा ऑडिट भी नहीं हुआ था।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुभव त्यागी ने बताया कि इस मामले मेें कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीओ मंगलौर बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही से हादसा हुआ है। साथ ही वहां पर किसी तरह के सुरक्षा मानक भी मौजूद नहीं थे। इस मामले की जांच मंगलौर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार को जांच सौंपी गई है। इस मामले में जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
घायलों के नाम
(1) राज किशोर निवासी परसाली, जिला सीतामढी बिहार
(2) राजू निवासी शयामपुर, जिला देवरिया, उप्र
(3) व्यास निवासी शयामपुर, जिला देवरिया, उप्र
(4) भोला निवासी श्यामपुर, जिला देवरिया, उ्रप
(5) दीपक निवासी भैजाहेडी, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, उप्र
(6) अमित निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफ्फरनगर, उप्र
(7) प्रमोद निवासी निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफ्फरनगर, उप्र
(8) अजय निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफ्फरनगर, उप्र
(9) अमित निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफफरनगर, उप्र
(10) राजमल निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफ्फरनगर, उप्र
(11) रॉकी निवासी मंसूरपुर, जिला मुजफ्फरनगर, उप्र
(12) बकाया निवासी झलारी, जिला बिजनौर, उप्र
(13) अनुज निवासी भौझाहेड़ी, थाना पुरकाजी, जिला मुजफ़्फरनगर, उप्र
(14) पवन निवासी सईद अतेरू जिला प्रतापगढ़, उप्र
(15) दिनेश निवासी ग्राम सईद अतेरू जिला प्रतापगढ़, उप्र
(16) दीपू निवासी लाडिया, सरिया जिला प्रतापगढ़, उप्र