वाल्मीकि प्रकट दिवस की पूर्व संध्या पर बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ

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वाल्मीकि प्रकट दिवस की पूर्व संध्या पर बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ

काशीपुर। वाल्मीकि प्रकट दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार सायं भारतीय संस्कृति के पितामह भगवान वाल्मीकि और रामायण दर्शन विषय पर एक बौद्धिक संगोष्ठी (सदवाणी विचार गोष्ठी) का आयोजन नगर निगम परिसर में किया गया, जिसमें वाल्मीकि समाज के प्रबुद्ध जनों एवं अन्य बुद्धिजीवी वर्ग के व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त कर भारतीय संस्कृति के पितामह, सीता माता के रक्षक, लवकुश के शिक्षक, योगविशिष्ठ महारामायण, अक्षर लक्ष्य, आदि महाकाव्य रामायण के रचयिता सृष्टिकर्ता भगवान वाल्मीकि को पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम संयोजक जितेंद्र देवान्तक समेत तमाम लोगों ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथिगण का स्वागत किया। अपने संबोधन में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अखिल ब्राह्मण उत्थान महासभा के महानगर अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के पितामह महाकाव्य रामायण के रचयिता भगवान वाल्मीकि ने रामायण दर्शन में भारतीय संस्कृति का वह रूप उजागर किया है जिसने नया ज्ञान प्राप्त कराया है भगवान वाल्मीकि योग बिशिष्ठ के साथ-साथ सृष्टि करता भी थे। आज हमें अपने पूजा घरों में भगवान वाल्मीकि का चित्र लगाकर उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। मुख्य अतिथि विकासानंद महाराज, विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता राम मेहरोत्रा, केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई, डा. सुरेन्द्र मधुर, चक्रेश जैन, नगर निगम के एसएनए वाईएस राठी, कार्यालय अधीक्षक विकास शर्मा, पार्षद मनोज जग्गा, रंजीत लाल प्रेमी आरबी सिंह, उमेश सौदा, रवि बेदी, शिवनंदन टांक, पत्रकार सुरेश शर्मा, नमिता पंत, गीता, स. कमल सिंह, राजेश गौतम, मनीष सपरा, हिमांशु गौरव, कमल राही, सुधा राय आदि मुख्यत: उपस्थित रहे।


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