आईएमए प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. अरविन्द शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस 

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आईएमए प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. अरविन्द शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

 

 

काशीपुर। आईएमए काशीपुर अध्यक्ष डॉ. अरविन्द शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उत्तराखण्ड इकाई द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया गया है। रामनगर रोड स्थित आईएमए भवन ‘कल्याणम्’ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. शर्मा ने बताया कि आईएमए उत्तराखण्ड राज्यों की परिस्थितियों के हिसाब से राज्य सरकार से लम्बे समय से 50 एवं इससे कम बिस्तरों वाले अस्पतालों को क्लीनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध करती आ रही है, जैसा कि हमारे निकटवर्ती राज्यों हरियाणा और पंजाब के राज्यों सरकारों ने पहले ही किया हुआ है, तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में 50 बेड से कम कर दिया है। लिहाजा मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि अविलम्ब न्याय सचिव को निर्देशित करें कि इस प्रस्ताव को स्वीकार कर प्रान्त के सभी चिकित्सकों कों पड़ोसी राज्यों की तरह राहत प्रदान की जा सके। राज्य प्रदूषण विभाग द्वारा राज्य के सभी छोटे एवं बड़े अस्पतालों में ईटीपी एवं एसटीपी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गयें है। इन दोनों संयंत्रों को स्थापित करने में काफी भूमि व काफी अधिक धन की आवश्यकता होती है, जो कि हमारे पर्वतीय स्थानों एवं मैदानी छोटे अस्पतालों के पास होना संभव नहीं है। अनुरोध किया गया है कि राज्य प्रदूषण बोर्ड को निर्देशित करने का कष्ट करें ताकि हमारे 50 बिस्तरों से कम वाले अस्पतालों को इन संयन्त्रों को लगाने की बाध्यता न हो। डॉ. शर्मा ने बताया कि हमारे राज्यों में गढ़वाल एवं कुमांऊ क्षेत्र में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण हेतु जिन संस्थाओं को ठेका दिया गया है उनके द्वारा निर्धारित शुल्क हमारे पड़ोसी राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है तथा गढ़वाल की तुलना में कुमांऊ में कार्यरत संस्था द्वारा लिया जाने वाला शुल्क और भी अधिक है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया, कि इन विसंगतियों को अविलम्ब दूर करने का निर्देश उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दें। साथ ही सूचित किया है कि कुमांऊ में कार्यरत बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण हेतु संस्था द्वारा जो पॉलीथिन बैग अस्पतालों को दिये जा रहे हैं, उनके बार कोडिंग के नाम पर दोगुने तिगुने पैसे वसूले जा रहे हैं और इसमें हमारे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पूर्ण समर्थन है। अनुरोध किया गया है कि बारकोडिंग के नाम पर इस गोरखधन्धे को बन्द करायें ताकि अस्पताल स्वेच्छा से बाजार से इन पॉलीथीन को उचित दामों में खरीद सकें। यह भी मांग की गई कि चिकित्सकों एवं हमारें संस्थानों की सुरक्षा हेतु महामारी अधिनियम में जो प्रावधान है उन्हीं प्रावधानों को ठीक उसी प्रकार महामारी के समाप्त होने के बाद भी उसी स्थिति में जारी रखा जाये, ताकि सभी चिकित्सक भय मुक्त वातावरण में पूर्ण मनोयोग से कार्य कर सकें। साथ ही अग्निशमन अधिनियम के तहत अस्पतालों व नर्सिंग होम के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने हेतु बनाये गए कानूनों को शिथिल किया जाये जिससे कि अधिक से अधिक चिकित्सा संस्थान अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में सफल रहें। वार्ता के दौरान डॉ. रवि सहोता, डॉ. रजत गुप्ता, डॉ. एके बंसल, डॉ. यशपाल रावत, डॉ. प्रदीप राज रस्तोगी, डॉ. बीएम गोयल, डॉ. सुनेश चौहान आदि थे।


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