इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक मोहर्रम काशीपुर में भी अकीदत के साथ मनाया गया

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इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक मोहर्रम काशीपुर में भी अकीदत के साथ मनाया गया

काशीपुर। पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक मोहर्रम काशीपुर में भी अकीदत के साथ मनाया गया। दसवीं का जुलूस निकालकर ताजियों को करबला में दफन किया गया। मान्यतानुसार हुसैन व उनके 72 साथियों ने इस्लाम के लिए यजीद से जंग कर अपनी शहादत दी थी। मोहर्रम उसी कुर्बानी को याद करने का पर्व है। मंगलवार रात विभिन्न मोहल्लों में ताजिया स्थापित किया गया था बुधवार को स्थापित ताजिया का जुलूस निकाला गया। उसके दीदार के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जुलूस में या हुसैन हम न हुए, या नवी हम न थे, की सदाओं से वातावरण गुंजायमान रहा। मोहल्ला नई बस्ती, अल्ली खां, पक्काकोट आदि मौहल्लों के ताजिए विभिन्न मार्गों से होते हुए मौहल्ला अल्ली खां स्थित करबला मैदान पहुंचे। जहां सरवरखेडा, मिस्सरवाला, बैलजुड़ी के ताजिये 35 फीट ऊंचे नजर आए। जहां ताजियों को बाद में दफन किया गया। उधर, करबला मैदान में मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। यहां करबला कमेटी अध्यक्ष रफी खान, सचिव पप्पू मंसूरी, डा. एमए राहुल, अनवर, शाहबाज, आरिश, अली जान समेत कोतवाली के वरिष्ठ पुलिस उपनिरीक्षक सतीश शर्मा, उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक चित्रगुप्त, उपनिरीक्षक प्रकाश चंद्र आदि पुलिस कर्मी मौजूद रहे।


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