नई दिल्ली। देश से आज बड़ी खबर सामने आ रही है। माफिया मुख्तार अंसारी को वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में यह सजा हुई है। अवधेश राय कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई थे। माफिया मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। उसको सोमवार को वर्चुअली पेश किया गया। केस के अन्य आरोपी फिजिकली पेश हुए। वादी पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने मुख्तार को धारा-302 के तहत दोषी करार दिया है।
वाराणसी के लहुराबीर में 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमला उस वक्त हुआ था, जब अजय राय और अवधेश राय घर के बाहर खड़े थे। अचानक कार से आए हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें अवधेश राय की मौत हो गई थी। भाई अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश के साथ पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
32 साल पुराने इस मामले में अभियोजन और गवाहों के बयान दर्ज हो चुके थे। मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था। जब केस में फैसला आया, तब भी वह विधायक नहीं है।
मुख्तार के वकील की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर हमले की आशंका जताई गई थी। उन्होंने बताया कि उस पर जेल में हमला हो सकता है। कई लोग इसकी कोशिश में लगे हैं। मुख्तार ने अवधेश राय हत्याकांड के पहले बैरक में कुछ लोगों के बिना आमद दर्ज किए घुसने पर सवाल उठाए हैं।
जेलर को धमकाने में 7 साल का कारावास
लखनऊ में मुख्तार के खिलाफ 7 केस दर्ज हैं। जेलर एसके अवस्थी को धमकाने में आलमबाग थाने में दर्ज केस में मुख्तार को 22 सितंबर, 2022 को 7 साल की सजा हुई।
23 साल पुराने केस में 5 साल की सजा
मुख्तार अंसारी को 23 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट के मामले में 23 सितंबर, 2022 को दूसरी सजा सुनाई गई। मुख्तार के खिलाफ 1999 में हजरतगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज कराया गया था।
मुख्तार को तीसरी सजा 10 साल की
15 दिसंबर, 2022 को मुख्तार को कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय मर्डर और एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल 5 मामलों में 10 साल की सजा हुई।
गाजीपुर में 2 गैंगस्टर केस में सजा
गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल, 2023 को मुख्तार अंसारी को दो गैंगस्टर केस में सजा सुनाई। इसमें पहला केस 1996 में दर्ज हुआ था। जिसमें मुख्तार और उसके सह आरोपी भीम सिंह को 10-10 साल का कारावास और पांच लाख जुर्माना लगाया था। दूसरी बार 2007 के गैंगस्टर केस में मुख्तार के साथ सांसद भाई अफजाल अंसारी सह आरोपी थे। इसमें मुख्तार को फिर 10 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया गया। जबकि अफजाल अंसारी को जज ने 4 साल ही सजा सुनाई।