देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने के साथ ही सैलानियों की संख्या में निरंतर आ रहे उछाल को देखते हुए सरकार अब वाहन पार्किंग को लेकर तेजी से कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पहाड़ों की रानी मसूरी के कैंपटी में पहली टनल पार्किंग का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है। 50 करोड़ की लागत से बनने वाली 200 मीटर लंबी इस टनल पार्किंग की सफलता के बाद राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलों में भी इसी प्रकार की पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा।
इसके अलावा सरोवर नगरी नैनीताल में ऑटोमैटिक मैकेनिज्म पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने अधिकारियों को पार्किंग निर्माण से जुड़ी गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। पर्यटन राज्य की आर्थिकी से जुड़ा बड़ा विषय भी है। इसे देखते हुए अब अहम निर्णय लिए जा रहे हैं।
उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत सरकार निरंतर ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। पर्यटकों की बढ़ी संख्या इसके सार्थक परिणाम के रूप में सामने आई है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्र के पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों में वाहनों को पार्क करने की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में पर्यटकों को अक्सर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। इसे देखते हुए सरकार ने पर्यटक स्थलों में पार्किंग सुविधा विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
धन मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने मंगलवार को प्रदेश में विकसित की जा रही पार्किंग सुविधा की समीक्षा की। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्र के शहरों में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्होंने टनल पार्किंग को बेहतर विकल्प बताया। साथ ही कैंपटी में राज्य की पहली टनल पार्किंग के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य बजट से धन की व्यवस्था की जाएगी।
इस बात पर भी जोर दिया कि टनल पार्किंग में सुरक्षा, पैदल चलने वालों की सुविधा और डिजाइन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस टनल के निर्माण का जिम्मा एनएचआइडीसीएल को सौंपा गया है। बैठक में नैनीताल में ऑटोमेटिक मैकेनिज्म पार्किंग पर भी चर्चा हुई। इसके लिए वहां टावर का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें दो सौ कार और ढाई सौ दुपहिया वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था होगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटक स्थलों में आवश्यकतानुसार छोटी-छोटी एवं अधिक संख्या में पार्किंग बननी चाहिए। राज्य में सबसे किफायती रोड साइड पार्किंग हैं। इसके तहत मुख्य सड़क से सौ-दो सौ मीटर नई सड़क का निर्माण अथवा मुख्य सड़क को अधिक चौड़ाकर यह व्यवस्था की जा सकती है। यदि भूमि उपलब्ध न हो तो अन्य प्रकार की पार्किंग पर फोकस करने की जरूरत है।
पार्किंग स्थलों में सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष जोर देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न होने पाए। पार्किंग स्थलों के एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर डिजाइन में किसी प्रकार की खामियां न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। 58 पार्किंग पर चल रहा काम बैठक में बताया गया कि राज्य में अभी तक ए व बी श्रेणी में कुल 169 पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 113 की डीपीआर शासन को मिल चुकी है, जिनमें से 58 पर काम चल रहा है।
मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को निर्देश दिए कि पार्किंग निर्माण कार्यों की पाक्षिक रूप से समीक्षा की जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव डा पंकज पांडेय समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।