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रुद्रपुर की मुख्य रामलीला में हुआ प्रभु श्री राम व हनुमान का मिलन बहुत ही सुंदर रहा लीला का मंचन

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रूद्रपुर।मुख्य रामलीला में विगत रात्रि राम विलाप, राम-जटायु संवाद, राम व उनके अनादि भक्त हनुमान का महामिलन, हनुमान का राम-लक्ष्मण को अपनें कंधों पर बैठाकर श्रष्यमूक पर्वत ले जाना, राम सुग्रीव मित्रता, सुग्रीव-बाली युद्ध, बाली वध, अंगद विलाप तक की लीला का का मंचन हुआ। विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि नगर के प्रमुख चिकित्सक डा. मदन लाल बठला व डा. नीतिक बठला नें संयुक्त रूप से सपरिवार दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर, षाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

आज गणेष वंदना एवं राम वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृष्य में आज राम अपनी कुटिया में वापस आते हैं। वहां सीता को न पाकर राम को अनिश्ट की आषंका हो जाती है। राम विलाप करते हुये सीताजी को खोजते है। इसी दौरान उन्हें गंभीर रूप से घायल पक्षीराज जटायु दिखते है। वह डनहें बताते हैं कि रावण नाम का राक्षस सीता जी का हरण कर दक्षिण दिषा की तरफ गया है। राम दक्षिण दिषा की तरफ बढ़ जाते है। रास्तें में रामभक्त षबरी से उनकी मुलाकात होती है। षबरी के मीठे बेर राम को बहुत भाते हैं, लेकिन लक्ष्मण बेर नहीं खाते। राम दक्षिण दिषा की तरफ लगातार आगे बढ़ते जाते है। श्रश्यमूक पर्वत के समीप राम-लक्ष्मण को आता देख वानरराज सुग्रीव सषंकित हो जाते है। वह अपने प्रमुख सेनापति हनुमान को राम-लक्ष्मण का भेद जाननें के लिये भेजते है। परम बलषाली होनें के साथ ही हनुमान बुद्धिवान भी थे। वह राम-लक्ष्मण से अनेंकों सवाल कर यह जानने की कोषिष करते हैं कि आप देखनें में तो राजसी लग रहे हो, लेकिन इस तरह जंगलों में क्यों भटक रहे हो? आपके चेहरे पर जर्दी क्यों छायी है? आप तपस्वी भी लग रहे हो और आपनें षस्त्र भी धारे हुये हैं? राम-लक्ष्मण हनुमान को अपनी पूरी राम कहानी सुनाते है। जैसे ही हनुमान को यह पता लगता है कि यह दोनों राजकुमार तो उनके अनादि देव राम-लक्ष्मण हैं, हनुमान उनके चरणों में गिर जाते है।

प्रभु और भक्त का महामिलन हो जाता है। हनुमान की आंखों से प्रेम की अश्रुधारा बह निकलती है। वह भक्ति में तल्लीन हो मगन हो जाते हैं, अपनी सुधबुध खोकर झूमनें लगते है। राम-हनुमान के इस महामिलन से तो मानों सबके बिगड़े काम बन जाते है। हनुमान अपनें कंधों पर बैठाकर राम-लक्ष्मण को श्रश्यमूक पर्वत पर ले जाते है। राम-सुग्रीव की मित्रता हो जाती है। राम के कहने पर सुग्रीव बाली को ललकारता है। राम जब तीर चलाने को धनुश की प्रत्यंचा चढ़ाते है तो दोनो की एक जैसी षक्ल देखकर हैरान हो जाते है। बाली सुग्रीव की खासी मरम्मत करता है। सुग्रीव जैसे-तैसे भागकर वापस पहुंचता है। राम इस बार उसके गले में माला पहनाकर दुबारा बाली को ललकारनें भेजते है और इस बार बाली का वध कर देते है। सुग्रीव को किश्किन्धा का राजा घोशित कर दिया जाता है। वर्शा ऋतु बीतनें के बाद राम व सुग्रीव वानर दलों को चारो दिषांओं में भेजते है। दक्षिण की तरफ हनुमान व अंगद सहित सबसे मजबूत वानर दल को रवाना करने के साथ ही आज की लीला को विराम दे दिया जाता है। आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, हनुमान की भूमिका में सुषील गाबा लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, गणेष भगवान की भूमिका में आषीश ग्रोवर, जटायु की भूमिका में गोला ईदरीस, षबरी की भूमिका में नरेष छाबड़ा, सुग्रीव की भूमिका में पवन गाबा पल्ली, बाली की भूमिका में वैभव भुड्डी, अंगद की भूमिका में आषमन अरोरा, नल- हर्श अरोरा, सेनापति की भूमिकाम ें आयुश्मान सुषील गाबा, जोकर पार्टी राम कृश्ण कन्नौजिया, गोगी नरूला, कुक्कू षर्मा, नें षानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव केवल कृश्ण बत्रा व संदीप धीर नें किया।इस दौरान श्रीमति बीना बेहड़, पूर्वा बेहड़, श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोशाध्यक्ष नरेष षर्मा, अमित अरोरा बोबी, राजेष छाबड़ा, महावीर आजाद, राकेष सुखीजा, कर्मचन्द राजदेव, हरीष अरोरा, विजय जग्गा, सुभाश खंडेलवाल, बिट्टू ग्रोवर, केवल कृश्ण बत्रा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रवि बठला, संदीप धीर, अमित चावला, आषीश मिड्ढा, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीष सुखीजा, मनोज मंुजाल, विषाल भुड्डी, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू षर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, पवन गाबा पल्ली, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाश तनेजा, चिराग तनेजा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा,गौरव जग्गा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, सन्नी आहूजा, अमित वर्मा, कपिष सुखीजा, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, नीतिष धीर, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, आदि उपस्थित थे। बाक्स 001- श्रीराम लीला में आज होगा लंका दहनश्रीराम लीला में आज हनुमान संपाती संवाद, जामवन्त द्वारा हनुमान जी को उनकी षक्तियां याद दिलाना, हनुमान का लंका पहुंचना, रावण-सीता संवाद, हनुमान सीता संवाद, हनुमान द्वारा अषोक वाटिका को उजाड़ना, हनुमान-अक्षय कुमार युद्ध, अक्षय कुमार वध, हनुमान- मेघनाद संवाद, मेघनाद द्वारा ब्रहमास्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी को बंदी बनाना, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन, हनुमान की राम कैंप में वापसी आदि दृष्य प्रमुख रूप से दिखाये जायेंगंे। बाक्स 002- राम-हनुमान महामिलन का ऐतहासिक दृष्य दषकों तक याद रखेंगें दर्षकविगत रात्रि राम व उनके अनादि भक्त हनुमान के महामिलन का ऐतहासिक दृष्क दषकों तक षहरवासी दर्षक याद रखेंगंे। राम का किरदार निभा रहे मनोज अरोरा तथा हनुमान का किरदार निभा रहे सुषील गाबा इस दृष्य में इतना गहरा अभिनय कर गये, जिसनें दृषकों को अपनी सीटों से खड़े होकर तालियां बजानें पर विवष कर दिया। सोषल मीडिया पर भी इस दृष्य का वीडियो छा गया है।


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