नगला क्षेत्र की 738 परिवारों की समस्या के समाधान हेतु मंत्री मंडलीय उप समिति का फैसला, जियोग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया करेगी सीमांकन*
देहरादून/पंतनगर:- नगला नगर पालिका क्षेत्र में बसे हुए 738 परिवारों की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए जनता की मांग पर मंत्री मंडलीय उप समिति ने वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में वन क्षेत्र एवं पी0डब्ल्यू0डी0 क्षेत्र व अन्य विभागों के संयुक्त जांच कमिश्नर कुमाऊं की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा ज्योग्राफिकल सर्वे आफ इंडिया की तकनीकी समिति से निर्धारित की जाएगी तथा इस कार्य को दो-तीन माह में तय करना होगा।
ज्ञात हो कि मंत्री मंडलीय उपसमिति के सदस्य मंत्री सौरभ बहुगुणा से किच्छा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कुछ दिनों पूर्व मांग की थी कि नगला के संबंध में डाली गई P.I.L. में पीडब्ल्यूडी, वन विभाग द्वारा विधि अनुरूप सही पैमाइश नहीं की गई तथा पीडब्ल्यूडी ने स्टेट हाईवे के मध्य से दोनों और अपनी भूमि को नहीं नापा जिससे कई विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं और इसी कारण वन भूमि का सीमांकन भी प्रभावित हो रहा है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की पहल पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल में आज वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार सचिवालय देहरादून में बैठक आहूत की जिसमें मंत्री सुबोध उनियाल (अध्यक्ष), सौरभ बहुगुणा (सदस्य मंत्री परिषद उप समिति), प्रदीप पंत सचिव न्याय, आरके सुधांशु सचिव वन, ए0 के0 पांडे सचिव राजस्व/ कृषि आरके श्रीवास्तव अपर सचिव राजस्व एवं वन, राजस्व, लोक निर्माण विभाग के आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों एवं नगला की जनता की ओर से पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, नारायण सिंह अरमोली, हरीश जोशी, एडवोकेट पियूष पंत, एडवोकेट नवीन रजवार एवं अन्य लोगों उपस्थित थे।
बैठक में नगला की ओर से तर्क रखा गया की लोक निर्माण विभाग ने सन 1966 में एक नोटिस देकर सड़क के मध्य से दोनों और 50 फुट-50 फुट सड़क का निर्धारण करते हुए कब्जे हटाए किंतु आज लोक निर्माण विभाग सड़क के एक ओर ही सौ फुट पर क्लेम कर रही है जो गलत है, इसी प्रकार वन भूमि का निर्धारण भी फिक्स पॉइंट से नहीं किया गया है।
सभी के विचार विमर्श के बाद मंत्री मंडलीय उप समिति ने यह निर्णय लिया कि नगला में वन भूमि के सीमांकन के लिए ज्योग्राफिकल सर्वे आफ इंडिया की विशेषज्ञ समिति से नाप कराई जाएगी तथा इसमें लोक निर्माण विभाग, वन एवं अन्य विभाग में संयुक्त रूप से शामिल होंगे एवं इसकी अध्यक्षता कुमाऊं कमिश्नर करेंगे तथा यह समिति तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी तद्नुसार आगे कार्यवाही होगी।