प्रशासन की हठधर्मिता से उजड़े व्यापारी ! वैकल्पिक व्यवस्था से भी हो सकता था विदेशी मेहमानों का स्वागत, अब शहर में क्यों लग रहे पर्दे

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रजत शर्मा (ऊधमसिंह नगर)

आगामी 28 से 30 मार्च तक होने वाले जी-20 सम्मेलन को लेकर प्रशासन की कार्यवाही से काफी आशियानें व दुकानें प्रशासन ने ध्वस्त कर दी गई हैं, जिसके बाद अब प्रशासन गंदगी छिपाने के लिए पर्दों का सहारा ले रहा है, जिसको लेकर प्रशासन ने पोल खड़े कर दिये हैं। जिससे प्रशासन की हठधर्मिता को साफ प्रदर्शित होती है। उजड़े व्यापारियों ने भी प्रशासन के आगे इस विकल्प को रखा था लेकिन प्रशासन की तानाशाही ने उनकी दुकानों को ध्वस्त कर दिया लेकिन अब उसी मार्ग पर प्रशासन कनात लगाकर पर्दे लगाने की तैयारी में है जो प्रशासन की दोहरी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। माना जाये तो जी-20 सम्मेलन के बहाने प्रशासन को व्यापरियों की दुकानें, जोकि अतिक्रमण की जद में है उन्हें उजाड़ने का मौका मिल गया।
बता दें आगामी 28 मार्च से 30 मार्च तक रामनगर के ढिकुली गांव में जी-20 सम्मेलन प्रस्तावित है, जिसको लेकर प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है और पंतनगर से लेकर रामनगर तक की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। प्रशासन ने राह में पड़ने वाले अतिक्रमण व मार्ग को दुरुस्त कर दिया है, जिसके बाद अब कुछ मार्ग पर पर्दे व कनातें लगाकर उसका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। वहीं रुद्रपुर के राम मनोहर लोहिया मार्किट के व्यापारियों ने भी प्रशासन के सामने यह सुझाव दिया था कि उनकी दुकानें ध्वस्त न की जायें, जिसके लिए सभी दुकानदार अपनी दुकानों की ऊंचाई से अधिक लंबाई का तिरंगा दुकानों के सामने लगा देंगे। जिससे सुंदरता बरकरार रहेगी।
जिसके बाद भी प्रशासन ने व्यापारियों की एक न सुनी और उनकी दुकानें ध्वस्त कर दीं। अब उसी मार्ग पर प्रशासन के द्वारा पोल लगा दिये गए हैं, जिसपर पर्दे व कनातें लगाने की तैयारियां की जा रही हैं।

प्रशासन की हठधर्मिता व्यापारियों की रोजी रोटी का संकट बनी है। प्रशासन को व्यापारियों ने सुझाव दिया था कि वह सम्मेलन के समय अपनी दुकानों को बंद रखकर दुकानों के आगे तिरंगा लगा लेंगे, जिसपर प्रशासन राजी नहीं हुआ। जिसके बाद अब उसी मार्ग पर प्रशासन पर्दे व तिरंगा लगाने का कार्य कर रहा है, जो प्रशासन की दोहरी कार्यप्रणाली को दर्शाता है। इसके साथ प्रशासन ने राह में पड़ने वाली सरकारी संपत्ति पर भी कोई कार्यवाही नहीं की। प्रशासन का उद्देश्य व्यापारियों का उत्पीड़न करना था, जिसमें वह सफल हुए।


संजय जुनेजा
अध्यक्ष, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल (रुद्रपुर)


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