त्यूणी अग्निकांड: चार बच्चियां आई आग की चपेट में, पानी तलाशने में निकला दमकल का दम; 5 किलोमीटर दूर खोदना पड़ा गड्ढा

खबरे शेयर करे -

वसुन्धरा दीप डेस्क, देहरादून। मई 2005 को राज्य के सबसे भयानक एवं भीषण अग्निकांड से त्यूणी का गुतियाखाटल बाजार पूरी तरह जलकर स्वाह हो गया था। उस समय 250 दुकानें व मकान आग की भेंट चढ़ गए। जिससे एक महिला गंभीर रुप से घायल हुई और करीब दस करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
इस घटना के करीब 18 साल बाद गेट बाजार त्यूणी के पास गुरुवार शाम को दूसरा भीषण अग्निकांड होने से सीमांत क्षेत्र के लोग सहम उठे। हादसे में कमरे के अंदर खेल रही चार बालिकाएं आग की चपेट में आने से जिंदा जल गई। इनकी मौत की पुष्टि स्वजन व रिश्तेदारों ने तो कर दी। मगर प्रशासनिक तौर पर नहीं हो पाई।
मई 2005 को त्यूणी में हुए भीषण अग्निकांड के चलते तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने सीमांत त्यूणी तहसील मुख्यालय में जनसुरक्षा के लिहाज से फायर ब्रिगेड की स्थापना की थी।
ग्रामीणों ने कहा त्यूणी में तैनात दकमल विभाग, थाना पुलिस व स्थानीय प्रशासन के पास आपातकालीन स्थिति से निपटने को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होने से चार मासूम बेटियां इस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। भीषण आग लगने से पहाड़ी शैली में बना लकड़ी का तीन मंजिला मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया। आग से मकान में रखा सारा सामान जल गया। मकान में लगी भीषण आग बुझाने के लिए दमकल विभाग के तीन वाहनों को गेट बाजार त्यूणी से पांच किलोमीटर दूर कठंग खड्ड से पानी ढ़ोना पड़ा। जिससे वाहनों को आने-जाने में काफी समय लग गया। इससे समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जा सका। घटना से गुस्साए क्षेत्रवासियों ने पुलिस-प्रशासन के पास आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने से जमकर हाइवे पर जमकर हंगामा काटा।
जानकारी के अनुसार निनुस पंचायत के जाक्टा निवासी त्रिलोक सिंह चौहान गेट बाजार त्यूणी में रेंज क्वार्टर से सटे मोटर पुल के पास मुंधोल निवासी पूर्व शिक्षाधिकारी सूरतराम जोशी के मकान में किराए पर रहते हैं। वह पिछले कुछ वर्षों से पत्नी पूनम, पुत्र नक्ष व पुत्री गुंजन के साथ रह रहा है। उनके साथ कमरे में विकटाड-हिमाचल निवासी उनके रिश्तेदार जयलाल व संजना की पुत्री रिधि भी रहती थी। इसी मकान में कुछ दिन पहले त्रिलोक की साली कुसुम परिवार के साथ किराए पर रहने आई। बताया जा रहा है पटाला निवासी कुसुम वहां ढाबा चलाती है। उसका पति विक्की चौहान गांव में खेती-बाड़ी का काम करता है। वह किराए के कमरे में अपने तीन बच्चों के साथ रहती है। गुरुवार शाम वह ढ़ाबे में गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी और उसके तीनों बच्चे बहन पूनम के साथ अंदर कमरे में खेलने चले गए। तभी गैस रिसाव होने से कमरे में आग लग गई। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो गैस रिसाव की वजह से आग मकान में चारों तरफ फैल गई।
देखते ही देखते आग इतनी विकराल हो गई कि घटना स्थल के पास जुटी ग्रामीणों की भीड़ राहत एवं बचाव कार्य को आगे जाने का साहस नहीं जुटा पाए। आग की लपटों से उठे धुंए के गुबार से वहां अफरा-तफरी मच गई। हर तरफ हा-हाकार मच गया। हमेशा की तरह स्थानीय लोग सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे और निजी संसाधनों से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया। मगर विकराल होती आग पर काबू पाना ग्रामीणों के बस से बाहर की बात थी। घटना की सूचना से करीब आधे घंटे बाद त्यूणी में तैनात दमकल विभाग की गाड़ी आग बुझाने मौके पर पहुंची। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दमकल वाहन में पानी की मात्रा कम थी। इसके उपरांत दमकल की गाड़ी घटना स्थल से पांच किलोमीटर दूर कंठग खड्ड के पास पानी भरने गई।
जहां से वह लगातार पानी ढ़ोने में लगी रही। करीब दो घंटे बाद नजदीकी स्टेशन मोरी-उत्तरकाशी और हिमाचल के रोहडू से दमकल विभाग की टीम दो वाहनों के साथ आग बुझाने मौके पर पहुंची। दमकल विभाग की तीनों गाडियों से पानी डाल कर साढ़े पांच घंटे बाद भीषण आग पर काबू पा लिया गया। मगर कमरे के अंदर फंसी चार बालिकाओं को बचाया नहीं जा सका।


खबरे शेयर करे -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *