काशीपुर। विधायक त्रिलोक सिंह चीमा के भाई से 2.48 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोपी की जमानत प्रभारी जिला जज ने खारिज कर दी। 16 नवंबर 2017 को तत्कालीन विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र गुरदयाल सिंह चीमा ने आईटीआई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह बाजपुर स्थित चीमा पेपर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। आरोप है कि वर्ष 2014 में लोखंडवाला अंधेरी मुंबई निवासी सुखप्रीत सिंह उर्फ विक्की और उसकी पत्नी कीर्ति उर्फ रूपा ने उनसे 2.48 करोड़ रुपये ठग लिए। इस दंपत्ति ने 1.34 करोड़ रुपये की राशि 45 दिनों के भीतर सौ करोड़ की विदेशी मुद्रा किसी विंटर कैपिटल फंड अथवा फर्टिन इक्विटी इन्वेस्टर से दिलाने का भरोसा दिलाया। बाद में आरोपियों ने 1.14 करोड़ रुपये बतौर कर्ज ले लिए। यह राशि उन्हें 31 मार्च 2014 तक लौटानी थी। गुरुदयाल सिंह की तहरीर पर आईटीआई पुलिस ने आरोपी दंपत्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया था। न्यायालय में अभियोग पत्र दायर होने के बाद से आरोपी दंपत्ति कोर्ट से गैरहाजिर चल रहा था। कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर आईटीआई थाने के एसआई महेश चंद्र ने पुलिस टीम के साथ 27 जून मुंबई स्थित आवास पर दबिश देकर आरोपी सुखप्रीत सिंह उर्फ विक्की को दबोच लिया था। अवर न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद सोमवार को प्रभारी सत्र न्यायालय में उसकी जमानत के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया। अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल और आरपी सिंह ने उसकी जमानत अर्जी का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रभारी सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने सुखप्रीत उर्फ विक्की की जमानत खारिज कर दी।