आईआईएम ने परखा आठ स्टार्टअप को अपनी कसौटी पर

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काशीपुर। दो करोड़ की फंडिंग के लिए आईआईएम ने सोमवार को आठ स्टार्टअप को अपनी कसौटी पर परखा। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के अंतर्गत चयनित 15 स्टार्टअप में से आठ के प्रबंधकों ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान ऑनर ऑफ इंडिया ज्यूरी के समीर रस्तोगी और स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के प्रमुख अन्वेषक प्रो. कुणाल ने सभी स्टार्टअप से अलग-अलग बात कर उनके प्रोजेक्ट और मार्केट डिमांड संबंधित जानकारी हासिल की। साथ ही उनसे जाना कि उनको योजना के अंतर्गत कितनी फंडिंग की आवश्यकता है। कुंडेश्वरी स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) को मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्कीम के अंतर्गत स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत सरकार से पांच करोड़ रुपये मिले हैं। इनमें से दो करोड़ रुपये की फंडिंग के लिए नए स्टार्टअप को आमंत्रित किया गया था। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के प्रमुख अन्वेषक प्रो. कुणाल ने बताया कि इस योजना के तहत संस्थान ने देशभर के स्टार्टअप से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसके अंतर्गत देशभर के 160 स्टार्टअप ने ऑनलाइन आवेदन किया। इस स्कीम के अंतर्गत संस्थान की दस सदस्यीय कमेटी की ओर से प्राप्त आवेदन का बारीकी से अध्ययन करने के बाद 15 लोगों का स्टार्टअप के लिए चयन किया। सोमवार को आईआईएम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान चयनित 15 स्टार्टअप में से आठ के संचालक अपने प्रोडक्ट की मार्केट में डिमांड व फंडिंग आवश्यकता को लेकर पहुंचे। यहां पर ऑनर ऑफ इंडिया ज्यूरी के समीर रस्तोगी और स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के प्रमुख अन्वेषक प्रो. कुणाल ने सभी नए स्टार्टअप के संचालकों से अलग-अलग बात की। इस दौरान उन्होंने सभी स्टार्टअप से अलग-अलग जाना कि वह कितना अपने उद्योग को सफल कर सकते हैं। उनकी संभावनाओं को लेकर भी ज्यूरी ने सवाल-जवाब किए। उधर, आईआईएम के निदेशक कुलभूषण बलूनी ने कहा कि हम नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से ओएनजीसी, भेल, एचपीसीई आदि संगठनों से फंडिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं। इससे भारत के भविष्य के रुप में देखे जाने वाले स्टार्टअप उद्यमियों को आगे बढ़ाने की संभावना मिल सकें। आईआईएम संस्थान में पहुंचे नए आठ स्टार्टअप में बिगोहेल्थ प्राइवेट लि. दिल्ली, ओरमा दिल्ली, रिक्यूव रीसाइक्लिंग प्राइवेट लि. महाराष्ट्र, एसएनएन एडुवर्ल्ड प्राइवेट लि. नोएडा, सिल्वरहुक इनोवेशन प्राइवेट लि. अहमदाबाद, अपशिष्ट विंग अपशिष्ट प्रबंधन समाधान प्राइवेट लि. चंडीगढ़, उत्तर पूर्वी बांस गुहाटी व फारुखी एनिमल फीड्स प्राइवेट लि. जम्मू-कश्मीर शामिल थे।


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