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कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया पंतनगर विश्व विद्यालय में आयोजित 113वें किसान मेले व प्रदर्शनी का उद्घाटन

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पंतनगर। गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में 113वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि कृषि मंत्री एवं कृषि कल्याण श्री गणेश जोशी द्वारा फीता काटकर किया गया। मेले के उद्घाटन के पश्चात कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चैहान द्वारा मुख्य अतिथि एवं सभी अतिथियों को विभिन्न महाविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि एवं उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड, पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा, स्वयं सहायता समूह तथा अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा विभिन्न तकनीकों पर लगाये गये स्टाल का अवलोकन कराया गया, तदोपरान्त उद्घाटन समारोह गांधी हाल सभागार में सम्पन्न हुआ। उद््घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के साथ कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चैहान, निदेषक प्रसार षिक्षा डा. अनिल कुमार शर्मा; निदेषक शोध डा. ए.एस. नैन मंचासीन थे।
कृषि मंत्री, श्री गणेष जोषी ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान के नारों के साथ अपना उद्बोधन प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति की जननी यह विष्वविद्यालय है, जिससे कृषि में नयी तकनीक का समावेष हुआ है। उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय के वैज्ञानिक, विद्यार्थी तथा स्वयं सहायता समूह के लोगों ने बहुत परिश्रम किया है। केन्द्र सरकार का सपना है कि किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए। वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। पहले हम कोंदो, झिंगोरा आदि मोटे अनाज खाते थे मगर इसे गरीबों का भोजन कहा जाता था। आज मोटे अनाजों का सेवन करने से मधुमेह जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है अतः इनको बढ़ावा दिया जा रहा। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है और राज्य सरकार की योजना है कि पांच किलों मुफ्त राषन के साथ एक किलों ग्राम मण्डुवा भी दिया जाये जिससे मण्डुवां के अधिक उत्पादन हेतु किसान आगे आयेंगे। राज्य में लगभग पचास हजार स्वयं सहायता समूह में लगभग 6 लाख महिलाएं अपना योगदान दे रही है। वर्ष 2025 में जब यह राज्य 25 साल का हो जाएगा उस समय सवा लाख लखपति दीदी का सपना साकार करना है। उत्तराखण्ड राज्य में मूल रूप से 34 प्रतिषत जैविक खेती की जाती है और इसे बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 60 प्रतिषत करना है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देना है। उन्होंने अवगत कराया कि प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण हेतु 300 कृषकों को सरकार द्वारा कुरूक्षेत्र में भेजा गया था। उन्होंने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु उनको किसान सम्मान निधि से सम्मानित किया जा रहा हैं। राज्य सरकार ने किसान सम्मान निधि हेतु रू. 200 करोड़ एवं मिलेट वर्ष 2023 हेतु रू. 73 करोड़ की व्यवस्था की है। मुख्य अतिथि द्वारा उनके औद्यानिक विषय पर यूरोप के विभिन्न देषों के अनुभव को भी साझा किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि एवं औद्यानिकी पर्यटन का विकास करने से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रहे पलायन को रोका जा सकता है।
डा. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि मुख्य अतिथि द्वारा उनके विभिन्न स्टालों पर भ्रमण और वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों एवं स्वयं सहायता समूह के लोगों द्वारा किये गये प्रदर्षनों की बहुत रूचि के साथ जानकारी ली और प्रषंसा भी की गयी। विष्वविद्यालय अब तक 330 फसलों की प्रजातियों का विकास कर चुका हैं। विष्वविद्यालय से 52 हजार विद्यार्थी उपाधि प्राप्त कर चुकें है और विष्वविद्यालय ने लगभग 1.50 करोड़ कृषकों को विभिन्न तकनीकों को मुहैया कराया है। आज इस किसान मेले में विभिन्न प्रदेशों के किसान भाग ले रहे है। उन्होंने कहा कि मिलेट वर्ष 2023 को गम्भीरता के साथ मनाना है। इस अवसर पर तकनीकी जानकारी के साथ विभिन्न उत्पादों के बारे में किसान मेले में जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने पशुधन विभाग द्वारा बहुत कम समय में बाजरे की लस्सी तैयार करने की प्रंशसा की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों को सम्मानित करने के पशचात् निदेषक प्रसार षिक्षा, डा. अनिल कुमार षर्मा ने बताया की मेले में विभिन्न विधाओं पर 350 से अधिक स्टाल लगे हैं। मेले में बीज विक्रय के साथ-साथ व्यवसाय, कृषि ऋण, कृषि सुरक्षा, कृषि निवेश आदि से संबंधित सभी महत्वपूर्ण संस्थानों व कम्पनियों द्वारा किसानों को जानकारी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम में पूर्व निदेशक संचार एवं प्राध्यापक, प्रसार शिक्षा डा. एस.के. बंसल को उनके 35 वर्षों के प्रसार एवं संचार कार्यों में योगदान के लिए मुख्य अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, प्रबंध परिषद के सदस्य विशाल राणा, कृषि निदेशक, उत्तराखण्ड गौरी शंकर, पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक डा. लक्ष्मीकांत, अपर कृषि निदेशक, उत्तराखण्ड के.सी. पाठक, अन्य गणमान्य अतिथि तथा विष्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता एवं निदेशकगण, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, विद्यार्थी एवं कृषक उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में साहित्यों का विमोचन भी किया गया। निदेषक शोध डा. ए.एस. नैन ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
पंतनगर में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर आज मुख्य अतिथि गणेश जोशी, कृषि मंत्री एवं कृषि कल्याण, उत्तराखण्ड एवं कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चौहान ने गांधी हाल में खेती में अभिनव प्रयोग करने और उल्लेखनीय सफलता के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों से चुने गये 09 प्रगतिषील कृषकों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले किसानों में राकेश चन्द्र उपाध्याय, ग्राम-बुंगा फत्र्याल, बिषंग, लोहाघाट, जिला चम्पावत; मंजू देवी, ग्राम-अत्मलपुर बौंगला, बहादराबाद, जिला हरिद्वार; ललित उपाध्याय, ग्राम-बचकोट, कनालीछीना, जिला पिथौरागढ़; प्रद्युमन सिंह बिष्ट, ग्राम-ल्वाणी, देवाल, जिला चमोली; गरिमा मिश्रा, ग्राम-बिजुनिया हल्दु, कोटाबाग, जिला नैनीताल; सीता भट्ट, ग्राम-छरबा, सहसपुर, जिला देहरादून; कमल सिंह कैड़ा, ग्राम-बयाला खालसा सोमेष्वर, ताकुला, जिला अल्मोड़ा; सुखदेव सिंह, ग्राम-नरखेड़ा, बाजपुर, जिला ऊधमसिंहनगर एवं बीना देवी, ग्राम जामू, ऊसीमठ, जिला रूद्रप्रयाग सम्मिलित थे।


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