रुद्रपुर। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर में कार्यरत मजदूरों के बच्चे महिलाओं, मजदूरों व किसान यूनियन के पदाधिकारियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ में बड़ी संख्या में श्रम भवन रुद्रपुर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया। बाल पंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 22 जून 2022 को सहायक श्रमायुक्त द्वारा इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर में गैरकानूनी तालाबन्दी के शिकार 356 मजदूरों की 16 मार्च से 31 मई 2022 के वेतन रिकवरी करने को औद्योगिक शांति अधिनियम (समय पर वेतन भुगतान) अधिनियम -1978 के तहत करीब एक करोड़ पिचासी लाख रुपये की आरसी काटकर अग्रीम कार्यवाही करने को जिलाधिकारी ऊधमसिंह के समक्ष प्रस्तुत की, किन्तु जिला प्रशासन द्वारा 3 माह से बेरोजगार मजदूरों के वेतन वसूलने को कोई भी कार्यवाही अब तक न की गई। जो कि औद्योगिक शांति (समय पर वेतन भुगतान) अधिनियम -1978 का खुला उल्लंघन और अवमानना है। बच्चों ने कहा कि हाईकोर्ट के 1 अप्रैल 2022 को इंटरार्क कंपनी की तालाबन्दी पर 6 हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश दिया था किंतु अभी भी जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है जबकि उत्तराखंड शासन द्वारा इंटरार्क कंपनी की तालाबन्दी को 30 मई को गैरकानूनी घोषित किया जा चुका है। 1 जून को बाल पंचायत के दौरान कुमाऊँ आयुक्त द्वारा सार्वजनिक रूप से बच्चों को वचन दिया था दो दिनों के भीतर मजदूरों को 3 माह का वेतन भुगतान करा दिया जायेगा और कंपनी खोल सबको काम पर बहाल करा दिया जायेगा किन्तु अभी तक उक्त मजदूरों को न्याय न मिला है। जिला प्रशासन व श्रम विभाग के असंवेदनशील रवैय्ये के कारण पिछले 3 माह से वेतन न मिलने से हमारे पापा समेत उपरोक्त 356 मजदूर अपने छोटे -छोटे बच्चों और बूढ़े माता संग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। फीस जमा न होने औऱ कॉपी- किताब व ड्रेस न खरीद पाने के कारण हम बच्चों का स्कूल छूटने की नौबत आ गई है। हमें स्कूल में अपमानित होना पड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा हम बच्चों के प्रति अपनाये गये उपरोक्त असंवेदनशील रवैय्ये से हम बच्चों को भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा भी एक छलावा ही प्रतीत हो रहा है। बच्चों ने कहा कि इंटरार्क कंपनी के किच्छा प्लांट में प्रमाणित स्थाई आदेशों का उल्लंघन कर करीब 700 कैजुअल मजदूरों की गैरकानूनी भर्ती कर दी गई है। वहीं यूनियन से जुड़े करीब 40 मजदूरों को विगत 3 माह के भीतर झूठेआरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया है जबकि मजदूरों पर लगाये गए कथित आरोपों के संदर्भ में वर्णित कथित घटना के समय उक्त 40 मजदूर कंपनी परिसर में एवं ड्यूटी पर उपस्थित ही न थे, उपश्रमायुक्त महोदय और श्रमायुक्त से अनगिनत बार शिकायत करने पर भी प्रबन्धन के खिलाफ़ कोई कार्यवाही न हुई। जो कि अत्यंत शर्म का विषय है, कार्यक्रम के अंत में श्रम भवन रुद्रपुर से कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा निकाली गई और जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि एक हफ्ते के भीतर मजदूरों को वेतन न दिलाया गया और कंपनी के किच्छा प्लांट में प्रमाणित स्थाई आदेशों के उक्त उल्लंघन पर रोक न लगाई गई तो तल्ली ताल डांठ नैनीताल से उत्तराखंड हाईकोर्ट तक पदयात्रा निकालकर निर्णायक संघर्ष शुरू किया जायेगा और 14 जुलाई को कंपनी के किच्छा प्लांट के निकट आयोजित मजदूर-किसान महापंचायत में इसे भी मुद्दा बनाया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉली ने किया, आज की बाल पंचायत को इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मुहम्मद, इंकलाबी मजदूर केंद्र के अध्यक्ष कैलाश भट्ट, बंगाली एकता मंच से संस्थापक सुब्रत कुमार विश्वास, भगवती श्रमिक संगठन से मुकेश चन्द जोशी इन्टरार्क मजदूर संगठन के सैकड़ों मजदूर महिला व बच्चों आदि शामिल रहे।