जसपुर। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाश गिरी महाराज ने कहा है कि कटु वचन बोलना संतों का स्वभाव नहीं है। किसी भी व्यक्ति का दिल दुखाने वाली बात नहीं करनी चाहिए। वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। राजपुर-जसपुर स्थित नेक्टा फ्रेश एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड में प्रवास के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति का डंका पूरे विश्व में बजता है। पश्चिमी देश के लोग सनातन संस्कृति से प्रेरणा लेते हैं। कुछ ही युवा ऐसे हैं, जो पाश्चात्य संस्कृति के फेर में हैं, वरना देश का युवा जागरूक है और अपनी संस्कृति को समझता है। जरूरत है, अपने माता-पिता की सेवा करने की। जो युवा माता-पिता की सेवा को अपना फर्ज समझता है, वह पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से राजा-महाराजा के शासन में संत, आचार्य, गुरु ही मार्गदर्शन देते थे। संतों का प्रमुख उद्देश्य धर्म को आगे बढ़ाना और जनसेवा करना है। यदि देशहित में संत राजनीति में आते हैं तो यह गलत नहीं है। आचार्यश्री ने कहा कि वे धर्म का प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं और युवा पीढ़ी को धर्म के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इससे पूर्व नेक्टा फ्रेश एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राकेश चौहान ने सनातन धर्म में आस्था व्यक्त करते हुए आचार्यश्री के चरण स्पर्श कर उनका स्वागत-सत्कार किया। कहा कि आचार्यश्री की उनके परिवार पर भरपूर कृपा है। इस दौरान विकेश चौहान, अनुज, सीताराम चौहान, नरेंद्र सिंह, रामबहादुर, हृदेश कुमार, संतोष कुमार, धर्मेंद्र व जितेंद्र आदि बड़ी संख्या में कंपनी के कर्मचारीगण व शुभचिंतक उपस्थित रहे।