DPS रुद्रपुर में भव्य रामलीला का हुआ आयोजन, बच्चों के अभिनय से अतिथि हुए मंत्रमुग्ध

खबरे शेयर करे -

रुद्रपुर। भारतीय संस्कृति तथा प्राचीन परम्परा का संरक्षण करने तथा भगवान श्री राम के मर्यादित जीवन से शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिनांक 2अक्टूबर की रात्रि को दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर के प्रांंगण में भव्य दिव्य रामलीला का आयोजन हुआ ।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि युगल किशोर पन्त जिलाधिकारी उधमसिंह नगर, ललित मिश्रा उपजिलाधिकारी उधमसिंह नगर, मंजूनाथ टी. सी. मुख्य पुलिस अधीक्षक उधमसिंह नगर, मोहन गोयल (मैनेजिंग डायरेक्टर, शील चंद्र एग्रो), जे.बी.सिंह, डॉक्टर सोनिया अदलखा, डॉ. शिवेंद्र कश्यप, हरीश सेतिया, राजेंद्र गिरधर, महेश कपूर, उज्ज्वल गगनेजा, पवन अग्रवाल (चेयरमैन, एस पी साल्वेंट तथा क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथियों का स्वागत भारतीय परंपरा का निर्वाह करके किया गया ।

उल्लेखनीय है दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर समय-समय पर सभी धर्मों से जुड़े सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन अपने छात्रों के माध्यम से करता रहता है और सभी को एकजुट लेकर शिक्षा प्रदान करता है।

कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों ने अभिनय के द्वारा सभी का मन मोहित कर दिया और दर्शकों ने विभिन्न प्रसंगों का आनंद लिया जैसे तारका वध, रामलीला का सर्वाधिक श्रृंगारिक प्रसंग स्वयंवर विवाह ,सीता हरण,संजीवनी बूटी ,सूर्पनखा ,सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा, तथा अधंकार पर प्रकाश पर विजय का रावण वध का प्रसंग ,राम सीता सेवा,आरती का मंचन विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि युगल किशोर पन्त ने कहा कि दिल्ली पब्लिक स्कूल शिक्षा के साथ -साथ विद्यालय में इस प्रकार की अनेक गतिविधियां कराता रहता है जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है।

वहीं विशिष्ट अतिथि मंजूनाथ टी. सी ने कहा की यदि भारत को जानना है तो बिना भारत की संस्कृति के बिना हम भारत वर्ष को नहीं जान सकते है।

इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सुरजीत सिंह ग्रोवर ने कहा कि आज हमें श्री राम जैसे मर्यादित पुत्र तथा दशरथ जैसे पिता बनने की आवश्यकता है ।और यदि किसी में ज्ञान के बाद अहंकार आ जाए तो वो रावण के समान ही नष्ट हो जाता है। और उन्होंने सभी अभिभावकों से कहा कि हमें कबीर के दोहे रामायण को पढ़ने की आवश्यकता है ।जिससे हम एक संस्कारित जीवन जी सकते है और आज रामलीला विश्व के कई देशों में भिन्न -भिन्न रूपों में आयोजित की जा रहीं है। हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम अपनी प्राचीन धरोहर को सजोह कर रखें और युवा समाज को इसके प्रति जागरूक करें।


खबरे शेयर करे -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *