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हिंदू संस्कृति में बाहुबल का सम्मान नहीं बल्कि जनबल का सम्मान होता है :शिव अरोरा

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रुद्रपुर। अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान शिव अरोरा ने कहा कि भाजपा से निष्कासित नेता स्वयं को बाहुबली कहलवाने में गर्व महसूस कर रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड में चुनाव बाहुबल से नहीं जीते जा सकते। बाहुबली तो मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे लोग हैं। कल तक जो खुद को हिन्दू हृदय सम्राट कहलाते थे वो खुद को बाहुबली कहलवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी होती है जब कुछ लोग उनकी तुलना मोदी और योगी से कर देते हैं। जिन्हें रुद्रपुर का योगी मोदी बताया जा रहा है उनके महिलाओं के प्रति कितने गंदे विचार हैं यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। ऐसे लोगों को जनता माफ करने वाली नहीं है। कहा कि अपने असफल कार्यकाल को छिपाने की कोशिश कर रहे नेता को यह बताना चाहिए कि जनहित के कौन से कार्य उन्होंने किए। सिर्फ अखबारों की सुर्खियों रहने के शौक को पूरा किया गया। कहा कि बगैर वीजन के कोई विकास नहीं कर सकता।

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हरीश रावत का वह स्टिंग किसी से छिपा नहीं है, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के प्रति आंखे मूंदने की बात कही थी। उनके शासन काल में किस तरह ट्रांसफर पोस्टिंग धंधा बन गया था। एनएच 74 घोटाले पर भी कांग्रेस ने चुप्पी साधे रही। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो इस घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई हुई। जनता यह तय करेगी कि उसे भ्रष्टाचार वाली सरकार चाहिए या साफ सुथरी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहिए जो विकास को गति दे सके। ट्रांजिट कैंप में जनसंपर्क के तरुण दत्ता, विकास शर्मा अनीता बजेठा, डी के गंगवार, गौरव शर्मा ,भूपराम लोधी,दिनेश गुप्ता, प्रेमपाल गंगवार ,अजय पाल शर्मा ,शिबू गंगवार ,शिव कुमार रॉय पार्षद ,किरण राठौर पार्षद,ममता राठौर ,मंजू शर्मा ,शंकर बिस्वास आदि मौजूद थे।


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