हरिद्वार। पंचायत चुनाव में शराब ग्रामीणों की मौत की वजह बन गया। ईशम और तेजपाल की मौत के बाद भी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी नहीं माने और प्रत्याशियों ने धड़ल्ले से शराब बांटी। सूत्रों की बात मानें तो एक व्यक्ति को तीन-तीन नेताओं के करीबियों ने फोन कर शराब दी। दो मौत के बाद अगर प्रत्याशी संभल जाते तो शायद चार जिंदगियां दम न तोड़ती।
तेजपाल (55) पुत्र रामसिंह निवासी फुलगढ़ और ईशम (32) पुत्र राजिंदर निवासी शिवगढ़ ने गुरुवार की रात को शराब पी थी। क्योंकि इस दिन नामांकन करने के बाद गांव में जश्न का माहौल था। जहां कई सौ लीटर शराब बांटी गई थी। सूत्रों की बात मानें तो कई प्रत्याशियों ने शराब बांटी थीं।
दोनों शराब पीने के बाद रात को सो गए थे। सुबह दोनों ही मृत अवस्था में मिले थे। परिजनों ने शुक्रवार को ही इनका अंतिम संस्कार कर दिया था। गांव में बात फैल चुकी थी, लेकिन किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार को भी जमकर शराब बांटी गई और नतीजा चार ग्रामीणों की मौत और हो गई।
शराब पीने के बाद सुबह जब उठे तो तबीयत बिगड़ने के बाद दो ग्रामीणों को अस्पताल ले जाने का मौका भी नहीं मिला। उल्टी, पेट दर्द होने के बाद 15 मिनट में ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य केस में 30 से 45 मिनट बाद ग्रामीणों की मौत हुई। राजू उर्फ राजबीन (45) पुत्र सेवाराम की सबसे पहले मौत हुई। सुबह पांच बजे तबीयत बिगड़ी तो वह उठे और खून की उल्टी हुई।
पेट में दर्द शुरू हुआ, जब तक अस्पताल ले जाने की तैयारी होती तब तक राजू के प्राण जा चुके थे। बिरमपाल (60) पुत्र बलजीत सिंह की भी उल्टी करने के बाद घर में ही मौत हो गई। जबकि अरुण (40) पुत्र चंद्रभान की तबीयत सुबह 6 बजे बिगड़ी। उल्टी के साथ ही दस्त भी लगे। सुल्तानपुर अस्पताल में ले जाया गया। जहां से हरिद्वार रेफर किया गया। बंगाली अस्पताल से जौलीग्रांट रेफर किया गया और बीच में उसकी मौत हो गई। अरुण की पत्नी ने बताया कि रात में शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी। पिछले कई दिनों से वह शराब पी रहे थे। अमरपाल (36) पुत्र गोपाल की भी उल्टी हुई और पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत हुई है।