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पुलिया के धराशायी होने पर ,मेयर और नगर निगम के खिलाफ गरजे कांग्रेसी

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मेयर और नगर निगम के खिलाफ गरजे कांग्रेसी

रूद्रपुर। छह माह पूर्व बनायी गयी पुलिया के धराशायी होने पर महानगर कांग्रेस ने नगर निगम और मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेसियों ने मंगलवार को काशीपुर बाईपास मार्ग पर प्रदर्शन कर धरना दिया। कांग्रेसियों ने पुलिया टूटने के मामले को भ्रष्टाचार का परिणाम बताते हुए मेयर से इस्तीफे की मांग की।

महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सीपी शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को तमाम कांग्रेसी काशीपुर बाईपास रोड पर गुरूनानक स्कूल के सामने धराशायी हुयी पुलिया के समक्ष एकत्र हुए। कांग्रेसियों ने मेयर और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। इस दौरान महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार की हदें पार हो चुकी हैं। मेयर रामपाल द्वारा चहेते ठेकेदारों को काम देने का नतीजा सामने आ गया है। श्री शर्मा ने कहा कि नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और मेयर के कारनामों को लेकर कांग्रेस पिछले कई महीनों से आवाज उठा रही हैं। विकास कार्यों के टेंडरों में हो रही मनमानी को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया था इसके बावजूद जिला प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया। अब छह माह पूर्व बनायी गयी पुलिया के धराशायी होने से साबित हो गया है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है। पुलिया का यह हाल तब है जबकि मेयर ने खुद अपने सामने खड़े होकर पुलिया का निर्माण कराया था।

सीपी शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जीरो टॉलरेंस के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि नगर निगम के टेंडरों की जांच की जाये तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जी -20 के नाम पर नगर निगम ने जो काम कराये हैं उसमें भी बड़ा गोलमाल हुआ है। इन सबकी जांच की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने मेयर रामपाल पर निगम को चलाने में असफल होने का आरोप भी लगाया। सीपी शर्मा ने कहा कि जबसे रामपाल सिंह ने चार्ज संभाला है तब से शहर में न तो सफाई व्यवस्था पटरी पर लौटी है और न ही विकास कार्य धरातल पर उतरे हैं। विकास की बातें हवाई साबित हुयी है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को कुछ पूंजीपति रिमोर्ट से संचालित कर रहे हैं। उन्होंने पुलिया टूटने के मामले में मेयर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।
धरना प्रदर्शन में पार्षद मोहन खेड़ा, सतीश कुमार, सुनील आर्य, मानस बैरागी, नंद किशोर गंगवार, अमन जौहरी, बाबू विश्वकर्मा, सपना गिल, परवीन , उमा सरकार , जयदीप,संतोष गुप्ता,अर्जुन गंगवार, संदीप कुमार, प्रेमपाल, नवाब अली, राजकुमार, पवन, आदि समेत तमाम कार्यकर्ता थे।


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