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UKSSC पेपर लीक प्रकरण: एसपी के गनर सहित दो पुलिसकर्मी हिरासत में, इस तरह हुई थी साजिश

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रुद्रपुर/देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (UKSSC) पेपर लीक मामले में परतें खुलती जा रही हैं। अब पूरे मामले में एसटीएफ ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कुमाऊं एसपी के गनर सहित दो पुलिस जवानों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। जिनके पास एसटीएफ ने 35.89 लाख की नकदी भी बरामद की है। उत्तराखंड एसटीएफ ने कुमाऊं में बीते 24 घंटे में ताबड़तोड़ दबिश दी है और एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए देहरादून लेकर आई। रात भर चली गहन पूछताछ और साक्ष्य की कड़ी जोड़ने में एसटीएफ टीम को सफलता मिली है। पूछताछ के बाद पुलिस ने पुलिसकर्मी दीपक शर्मा और अमरीश गोस्वामी को गिरफ्तार है। दोनो के पास से पुलिस ने परीक्षा लीक से जुटाए 35.89 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं। एसटीएफ की पूरी टीम एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ लगातार गिरफ्तारियां और महत्वपूर्ण साक्ष्य-सबूत जुटा रही है। जांच में सामने आया है कि गढ़वाल से लखनऊ और फिर कुमाऊं तक इस घपलेबाजी के तार जुड़े हैं। अब तक की एसटीएफ जांच-पड़ताल में मिले ऐसे कई अहम एविडेंस एक बड़े खुलासे की तरफ जा रहे हैं।
वही अब तक की जांच में उत्तराखंड एसटीएफ ने कई अहम सबूच जुटाए हैं। गूगल सर्च हिस्ट्री ने UKSSC परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं। बताया जा रहा है कि परीक्षा से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे, पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग एसटीएफ ने गिरफ्तार किए हैं।
देहरादून में सेलाकुई स्थित एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत गिरफ्तार आरोपी दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी ने बताया है कि वो यूकेएसएससी परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे। इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे, ये दोनों आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे थे। जहां इन्होंने एक गुप्त स्थान पर जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई। दरअसल मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई। इसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा की मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई। यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना। एसटीएफ जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और यूकेएसएससी में परीक्षा दी थी। जिसमें भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था।


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