देहरादून। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की शिक्षिका ताहा सिद्दीकी को मीडिया से संबंधित शोध पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। आज विश्वविद्यालय में फाइनल डिफेंस में सफलता पाने के बाद ताहा सिद्दीकी को इस उपाधि से अलंकृत किया गया।
ताहा सिद्दीकी ने फेक न्यूज का मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रभाव विषय पर शोध किया है। प्रोफेसर सुभाष गुप्ता के निर्देशन में यह शोध किया गया है। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग में तीन माह के भीतर वह दूसरी रिसर्च स्कॉलर हैं जिन्हें पत्रकारिता से जुड़े शोध पर पीएचडी की उपाधि दी गई है। इससे पहले 14 मई को इसी विभाग की शिक्षिका डॉ हिमानी बिंजोला को लोगों के विचारों और नीति निर्माण पर सोशल मीडिया के प्रभावों के अध्ययन पर पीएचडी की उपाधि दी गई थी।
ताहा सिद्दीकी ने अपने शोध में पाया है कि फेक न्यूज लगातार बढ़ रही हैं और इसका नतीजा यह निकला है कि अब वास्तविक समाचार भी अपनी विश्ववसनीयता खोने लगे हैं। लोग वास्तविक समाचारों पर भी एकदम विश्वास नहीं करते। इस शोध में एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया है कि लोग सूचनाएं पाने के लिए सोशल मीडिया पर ज्यादा निर्भर हो गये हैं, लेकिन उन सूचनाओं की विश्वसनीयता पर वे ज्यादा भरोसा नहीं। सोशल मीडिया से मिलने वाली जानकारियों की सत्यता जांचने के लिए आज भी लोग समाचार पत्रों पर ही भरोसा करते हैं। एक्सटर्नल एक्सपर्ट के बाबा भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल सिंह ने फाइलन डिफेंस में ताहा सिद्दीकी के शोध को गहराई से परखा।
इस मौके पर शोध निदेशक डॉ सुभाष गुप्ता ने कहा कि ताहा सिद्दीकी ने विषय की गहराई में जाने के लिए पांच बड़े राज्यों के मीडिया से जुड़े लोगों, विशेषज्ञों, प्रबुद्ध पाठकों और विभिन्न वर्गों के लोगों को इस शोध से जोड़कर सार्थक और बहुत महत्वपूर्ण शोध किया है। यह शोध फेक न्यूज से चिंतित पूरी दुनिया के लिए बहुत उपयोगी है। प्रभारी कुलपति डॉ आर. गौरी ने ताहा सिद्दीकी को पीएचडी की उपाधि भेंट की। इस अवसर पर कुलसचिव अरविंद धर, डीन फैशन डॉ ज्योति छाबड़ा, डीन रिसर्च डॉ कमलेश सिंह, एनीमेशन के एचओडी आनंद कर्माकर के साथ ही डॉ हिमानी बिंजोला, डॉ हिमांशु करगेती, डॉ पल्लवी जोशी, विदुषी नेगी, विपुल तिवारी, राकेश ढौंढियाल भी मौजूद रहे।