काशीपुर । पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा का सुझाव है कि उत्तराखण्ड में भाजपा संगठन ने जो पांच सांगठनिक जिले बनाए है उन्हें ही राज्य सरकार को प्रशासनिक जिले घोषित कर देना चाहिए। प्रेस को जारी अपने वक्तव्य में पूर्व विधायक ने कहा कि हाल ही में भाजपा ने उत्तराखण्ड में अपने सांगठनिक जिलों की संख्या 14 से बढ़ाकर 19 करने की घोषणा की है। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में नए प्रशासनिक जिलों के गठन की चर्चा भी शुरू हो गई है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह घामी ने भी नए जिले बनाने को इंगित किया है। ऐसे में उनका सुझाव है कि सांगठनिक जिलों को ही प्रशासनिक जिलों का स्वरूप प्रदान किया जाए। पूर्व विधायक चीमा ने कहा कि सांगठनिक जिलों की संख्या बढ़ाकर संगठन ने जिस तरह अपनी जनहितकारी नीतियां जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है यदि इन्हीं सांगठनिक जिलों को प्रशासनिक जिले घोषित किया जाता है तो यहां अपेक्षित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और राज्य सरकार की नीतियों और विकासपरक सोच से भी यहां के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि राज्य सरकार उनके सुझाव पर अवश्य अमल करेगी और नये जिलों में काशीपुर का नाम भी शामिल होगा, क्योंकि यहां की जनता दशकों से काशीपुर जिले की मांग प्रमुखता से उठाती आ रही है। काशीपुर, रामनगर मार्ग के माध्यम से कुमायूं का मुख्य द्वार है जो लगभग 500 साल से बसा हुआ पुरातन शहर है और जिसके साथ गदरपुर, बाजपुर एवं जसपुर का क्षेत्र भी जुड़ा हुआ है। काशीपुर, उत्तराखण्ड का एक धार्मिक एवं औद्योगिक पुरातन शहर है। यहां तीर्थ द्रोणासागर, गिरि सरोवर, गुरूद्वारा ननकाना साहिब एवं माता बाल सुन्दरी देवी मंदिर तथा मोटेश्वर महादेव मंदिर जैसे पौराणिक स्थल भी मौजूद हैं। यहां गोविषाण टीला भी है, जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।